नियंत्रण, बचाव कार्य हेतु अधिकारियों को सौंपे दायित्व
भिण्ड, 23 अगस्त। कलेक्टर ने कहा कि चंबल नदी में कोटा बैराज से लगभग 12.500 क्यूमेक्स, 4.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे भिण्ड जिला अंतर्गत उदी घाट पर 24 अगस्त को शाम सात बजे तक चंबल नदी का जलस्तर 128 मीटर तक पहुंच सकता है, जो कि खतरे के निशान 119.80 मीटर से 8.2 मीटर अधिक होगा। नदी का जलस्तर बढऩे से बाढ़ की संभावना होगी तथा तहसील अटेर एवं भिण्ड के लगभग 25.30 ग्राम प्रभावित होंगे। बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर उसके नियंत्रण, बचाव कार्य हेतु अधिकारियों को दायित्व सौंप दिए हैं।
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने नियंत्रण बचाव कार्य हेतु जिन अधिकारियों को दायित्व सौंपे हैं, उनमें स्वास्थ्य प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा डिस्पेंसरी में पर्याप्त मात्रा में ब्लीचिंग पाउडर, क्लोरिन टेबलेट, लाइम पाउडर के साथ-साथ जीवन रक्षक आवश्यक दवाओं को भण्डारण, चिकित्सीय दलों की तैनाती एवं गंभीर विकारए गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर डूब क्षेत्र से पृथक व्यवस्था बनाने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भिण्ड, अटेर एवं सुरपुरा क्षेत्र में आपदा प्रबंधन हेतु 1.01 बोट आपदा उपकरणों के साथ तैयार रखने हेतु कमाण्डेट होमगार्ड, बड़े बांध, छोटे बांध, बड़े एवं छोटे तालाब, स्टॉप डेम एवं रपटा आदि पर चेतवानी सूचक बोर्ड लगाने हेतु कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग भिण्ड, पशुओं में होने वाली बीमारियों से संबंधित दवाईयां एवं अन्य आवश्यक सामग्री का प्रत्येक पशु औषधालय पर पर्याप्त स्टाक रखने तथा पशुओं को पर्याप्त चारा एवं भूसे का पर्याप्त भण्डारण के लिए उप संचालक पशु चिकित्सा विभाग भिण्ड, सभी क्षेत्रों में विशेष रूप से दूरस्थ ग्रामों में पर्याप्त मात्रा में राशन संबंधी आवश्यक बस्तुओं का भण्डारण किया जाने हेतु जिला आपूर्ति अधिकारीए संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का पूर्व से चिन्हांकन कर आवश्यकता अनुसार राहत शिविर हेतु स्थल का चयन किया जाना एवं बाढ़ के संबंध में ग्रामों में मुनादी कराने हेतु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व भिण्ड-अटेर एवं तहसीलदार परगना भिण्ड, अटेर, राहत शिविरों में सचिवों के माध्यम से भोजन व्यवस्था किया जाने हेतु मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत भिण्ड, शुद्ध जल की व्यवस्था हेतु कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भिण्ड को एवं विद्युत प्रवाह हेतु आवश्यक व्यवस्था तथा राहत शिविरों में विद्युत विस्था का दायित्व अधीक्षण यंत्री मप्र मक्षेविविकंलि भिण्ड को सौंपा गया है।
कलेक्टर ने मांगी एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीमें
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने चंबल नदी में कोटा वेराज से छोड़े गए पानी को दृष्टिगत रखते हुए सचिव गृह एवं समन्वय मप्र राज्य आपदा प्रबंधन भोपाल से एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की एक-एक टीमे मय बोट एवं अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ 24 अगस्त को शाम सात बजे तक मांगी है। एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की एक-एक टीमें मय बोट एवं अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ मिल जाने से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर राहत एवं बचाव कार्य किया जा सके।