अल्पविराम हमें जाग्रत करता है : सीईओ प्रवीण गंगराड़े

हम स्वयं से संवाद के लिए समय जरूर निकालें : सत्यप्रकाश आर्य

ग्वालियर, 05 अगस्त। मप्र राज्य आनंद संस्थान द्वारा ग्वालियर जिले के 50 आनंदकों के लिए आयोजित संध्या कालीन पांच दिवसीय अल्पविराम कार्यक्रम में जिला ग्वालियर के कॉर्डिनेटर विजय कुमार (उपमन्यु) डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर (आनंद) के साथ मास्टर ट्रेनर प्रेमलता उपाध्याय दमोह के मार्गदर्शन में ग्वालियर से मास्टर ट्रेनर दीप्ति उपाध्याय, डॉ. रूपा आनंद, अंशुमान शर्मा तथा सुनील चोपड़ा आनंदम सहयोगी द्वारा विभिन्न आनंद सत्रों का ऑनलाईन संचालन किया गया। मास्टर ट्रेनर प्रदीप महतो के पर्यवेक्षण में तकनीकी सहयोग अंजना श्रीवास्तव, मास्टर ट्रेनर ई एके शर्मा एवं आनंदम सहयोगी तृप्ति शर्मा, आनंदक रत्ना सरभाई द्वारा प्रदत सहयोगी भूमिका का निर्वहन किया गया।


मप्र राज्य आनन्द संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (प्रभारी) प्रवीण गंगराड़े ने शुभारंभ अवसर पर जिला ग्वालियर की आनंद टीम को निरंतरता में अल्प विराम आयोजन के लिए हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि अल्प विराम हमारी बेहोशी को तोडऩे का कार्यक्रम है, यह हमें सचेत यानि जाग्रत करता है। अल्प विराम हमारा ध्यान उन विषयों पर लेकर जाता है जो सीधे तौर पर हमारे सुख-दुख और आनंद से जुड़े हैं। अल्प विराम के अभ्यास से हम हमारी जिंदगी की जिम्मेदारी स्वयं लेने लगते हैं। पांच दिवस में अल्प विराम में नई थीम के साथ आनंद सत्र आनंद की ओर एवं जीवन की नदी, जीवन का लेखा-जोखा : मदद, कृतज्ञता, माफी मांगने, क्षमा करने के संतुलन एवं सत्र हमारे रिश्ते, परिवर्तन की प्रक्रिया संपर्क, सुधार, दिशा एवं फ्रीडम ग्लास तथा मौन की शक्ति पर सत्रों का 25 से 29 जुलाई तक संचालन किया गया। जो आनंदकों को जीवन में आनंद प्राप्त करने और जीवन में तनाव से मुक्ति का माध्यम भी बना। इस दौरान सहभागी आनंदकों को अपने अनुभव साझा करने के अवसर प्रदान किए गए।
समापन अवसर पर राज्य आनंद संस्थान के प्रमुख सलाहकार सत्यप्रकाश आर्य ने कहा कि अपने आप को देखना यानि अपने विचारों को देखना अल्पविराम में सबसे महत्वपूर्ण बात है। हमें थोड़ा रुककर यानि अल्प विराम लेकर स्वयं से संवाद करना है। आनंद हेतु खुद के संपर्क में लाना ही अल्पविराम का लक्ष्य है। हम स्वयं से संवाद के लिए समय जरूर निकालें। इस अवसर पर प्रेरणा गीत के बाद सभी सहभागी आनंदकों द्वारा अपने जीवन में शांत समय के अभ्यास को अपनाने का संकल्प लिया गया।