आनंदकों ने मित्रता से मानवीय भावना को ‘आनंद मैत्री संध्या’ में किया साझा

ग्वालियर, 01 अगस्त। जिला ग्वालियर आनंदक टीम के आनंदकों ने राज्य आनंद संस्थान से यथा निर्देशित अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस के अवसर पर मित्रता भाव के विस्तार को मजबूत बनाने के उद्देश्य से ‘आनन्द मैत्री संध्या’ का आयोजन किया। जिसमें डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर (आनंद) विजय कुमार उपमन्यु ने आनंद मैत्री संध्या की रूपरेखा और अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस (30 जुलाई) की थीम ‘मित्रता के माध्यम से मानवीय भावना को साझा करना’ एवं भूमिका पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के शुभारंभ पर आनंदक रेखा भदौरिया ने सर्वधर्म समभाव की प्रार्थना प्रस्तुत दी।
कार्यक्रम के संचालन में सहयोगी रेखा भदौरिया ने ‘मित्रों की दुआओं’ पर रचना पढ़ी। आनंद मैत्री संध्या में आनंदक अंकुर अग्रवाल ने दोस्तों को तकदीर की रेखाएं बताते अपनी रचना पढ़ी। सुनील चोपड़ा ने मित्रता में मन और दिल की बात की शेयरिंग से जुड़े स्वास्थ्य लाभ के बारे में बताया। दिनेश चाकनकर ने बताया कि संकट के समय हमारे मित्र ही साथ खड़े होते हैं, उन्होंने अपने मित्रों द्वारा दिए सहयोग के लिए कृतज्ञता व्यक्त की। डॉ. दीप्ति गौर ने अपनी प्रेरक लघुकथा ‘दोस्ती की मिसाल’ प्रस्तुत की। ऋषिकेश वशिष्ठ ने ‘ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे’ गीत गाया तथा रामायण की चौपाई के माध्यम से मित्रता के महत्व और विशेषताओं का उल्लेख किया। संचालन में सहयोगी दीप्ति उपाध्याय ने दोस्ती को अपरिभाषित बताते हुए ‘तेरे जैसा यार कहां’ गीत गाया। विजय कुमार उपमन्यु ने बताया कि दोस्ती ऐसी हो जिसमें ‘मैं’ की भावना ना हो और राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त की दोस्ती पर लिखी रचना पढ़ी।
संचालन में सहयोगी गजेन्द्र सरकार ने ‘यह मुझसे मेरी मित्रता का परिणाम’ शीर्षक से रचना पढ़ी। अंशुमान शर्मा ने ‘तेरी दोस्ती के लिए’ रचना पढ़ी। हेमंत त्रिवेदी ने मित्रता के लिए प्रेम और जीवन में मित्रता की अहमियत को आधार बताया। इंजी. एके शर्मा ने मित्रता के संबंधों से मानसिक शांति और आनंद प्राप्ति का उल्लेख किया। भारती शाक्य ने मित्रता पर ‘मेरी दोस्ती, मेरा प्यार’ गीत गाया। कैलाश नारायण श्रीवास्तव ने मित्रता की विशेषताओं के बारे में बताया और ‘सलामत रहे, दोस्ताना हमारा’ गीत गाया। कार्यकम में मित्रता के आधारों और प्रेरक प्रसंगों पर आनंदक स्वराज माथुर, तृप्ति शर्मा, सुरेन्द्र सिंह शर्मा, संगीता गुप्ता, सरिता तोमर, हेमंत गुप्ता, संजय राणा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए और विजय कुमार बाथम, प्रदीप मिश्रा, पूनम शर्मा, सरोज पात्रा, अनुपमा सुनेजा सहित अन्य आनंदक भी जुड़े। सभी आनंदकों ने अपने मित्रों को याद करते हुए अच्छी सच्ची मित्रता का संकल्प लिया।