मेहगांव खेड़ापति हनुमान मन्दिर पर चल रही है श्रीराम कथा
भिण्ड, 23 जुलाई। मेहगांव नगर के प्राचीन खेड़ापति हनुमान दरबार में चल रही 11 दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के षष्टम दिवस कथा वाचक श्री रामजी द्विवेदी ने राम कथा के मुख्य प्रसंगों का व्याख्यान करते हुए भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के वनवास के पर प्रकाश डालते हुए कहा कि माता कैकई द्वारा महाराज दशरथ से अपने वचनों को पूरा कराने के लिए कोप भवन को स्वीकार लिया, तब महाराज दशरथ ने रघुकुल की रीति जो ‘रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन ना जाईÓ की रक्षा हेतु अपने वचन को पूरा करने के लिए भरत को अयोध्या का राज, भगवान राम को वनवास दिया।
इसी दौरान कथा आयोजक मन्दिर महंत श्रीश्री 1008 शांतिदास जी महाराज ने बताया कि आश्रम पर प्रतिदिन भगवान शिव का महा रुद्राभिषेक किया जाता है और सभी मानव को श्रावण मास में भगवान शिव के रुद्राभिषेक के साथ-साथ व्रत रखना चाहिए। जिससे भगवान शिव सभी मानव जीव की मनोकामना को पूर्ण करते हैं। कथा स्थल पर कई श्रृद्धालु उपस्थित रहे।