नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का सश्रम कारावास

शाजापुर, 10 जून। विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश, शाजापुर के न्याययालय ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी पप्पू पुत्र भागीरथ बागरी उम्र 29 वर्ष निवासी नया चौमा, थाना मो. बड़ोदिया को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5(के)/6 में दोषी पाते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
जिला मीडिया प्रभारी/ एडीपीओ शाजापुर सचिन रायकवार के हवाले से विशेष लोक अभियोजक शाजापुर प्रतीक श्रीवास्तव ने बताया कि 17 जुलाई 2019 को 19:20 बजे पीडि़ता की मां ने थाना मो. बडोदिया में पहुंचकर सूचना दी थी कि पीडि़ता लगभग 10 वर्ष की लड़की है, जो ढंग से बोल नहीं पाती है व मानसिक रूप से थोड़ी विकृत है। घटना वाले दिन सुबह करीब 10 बजे पीडि़ता की मां और पीडि़ता जंगल से पानी लेकर घर आए। पीडि़ता घर के बाहर ही खेलने लगी। थोड़ी देर बाद भैंस को पानी पिलाने पीडि़ता की मां बाड़े में गई, जहां उसे पीडि़ता के चिल्लाने की आवाज आई तो वह दौड़ी और बागड़ के पीछे देखा तो आरोपी पप्पू पीडि़ता के साथ गलत काम कर रहा था। उसके बाद उसने पति के आने पर उन्हें घटना बताई तथा उनके साथ जाकर उक्त घटना की रिपेार्ट थाना मो. बडोदिया पर दर्ज कराई थी। थाना मो. बडोदिया शाजापुर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर संपूर्ण अनुसंधान पश्चात चालान सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया। डीपीओ शाजापुर देवेन्द्र कुमार मीना के मार्गदर्शन में शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त डीपीओ शाजापुर रमेश सोलंकी ने करते हुए प्रकरण में सभी साक्षियों के कथन कराए एवं विशेष लोक अभियोजक/ एडीपीओ शाजापुर प्रतीक श्रीवास्तव द्वारा प्रकरण में अंतिम बहस प्रस्तुत की गई। न्यायालय ने अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी को दण्डित किया है।