सरकार और प्रशासन माफियाओं के आगे नतमस्तक
कांग्रेस ने अवैध खनन और नगर पालिका के भ्रष्टाचार तंत्र के खिलाफ मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन सौंपा
भिण्ड, 20 दिसम्बर। मप्र में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में भिण्ड जिले सिंध नदी रेत माफियाओं द्वारा छलनी किया जा रहा है। अवैध उत्खनन रोकने में भिण्ड जिला कलेक्टर पूरी से असफल साबित हुए हैं। जिला प्रशासन और सरकार माफियाओं के आगे नतमस्तक है। ये आरोप कांग्रेस के जिला प्रवक्ता डॉ. अनिल भारद्वाज ने ज्ञापन के माध्यम से लगाए। उन्होंने कहा कि कलेक्टर और पुलिस हमारे साथ चलें, दिन दहाड़े पनडुब्बियों से नदी की गहराई से खनन हो रहा है। हिम्मत हो तो रोक लें।
माफियाओं के दवाब में धरने की अनुमति निरस्त की
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. अनिल भारद्वाज ने एसडीएम उदय सिंह सिकरवार से कहा कि हमारे धरने की अनुमति खनिज माफियाओं के दवाब में केंसिल की गई है, लगता है जिला प्रशासन का भी हिस्सा फिक्स है। जो प्राभारी मंत्री के आदेश की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। रोज 200 ट्रक और 500 ट्रेक्टर से खनन रोक के बावजूद रोड पर निकल रहे हैं। पुलिस खुद प्राईवेट कटरों से बसूली में मस्त है। माफिया किसानों को बंदूक की दम पर किसानों के खेतों पर कब्जा कर खनन कर रहे हैं।
नगर पालिका ने भ्रष्टाचार की हद पार की, ऑफलाइन टेंडर से जनता के पैसा का हो रहा है बंटाधार
कांग्रेस नेता डॉ. भारद्वाज ने भिण्ड नगर पालिका अधिकारी को अब तक का सबसे ज्यादा भ्रष्ट बताया और कहा कि उनको निलंबित कर विभागीय जांच हो, जो एक लाख के टेंडर पर जमकर लूट मचा रहे हैं, एस्टीमेट बनाकर पैमेंट ठेकेदारों को हो रहे हैं, जबकि उक्त कार्य कहां हो रहा है समझ ही नहीं आ रहा है। एक ही ठेकेदारों को कई बार एक एक लाख के टेंडर दिए जा रहे हैं। ऐसा लगता है जनता के पैसे का नगर पालिका द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। मप्र शासन के राजस्व एवं जिले के प्रभारी मंत्री जिला भिण्ड के आदेश का जिला प्रशासन पर कोई असर नहीं हुआ है।
खनन पर रोक होने के बावजूद अजीता, अजनार, रोहानी, परायच, भारौली, इंदुर्खी, बरेठी खुर्द पर दिनदहाड़े पनडुब्बियों से नदी का सीना चीरकर गहराई से रेत निकाल रही है। रेत माफिया बंदूक के दम पर स्थानीय ग्रामीणों को धमकाकर उनके स्वामित्व एवं आधिपत्य के खेत में होकर रास्ता बना लेते हैं, उनके डर की वजह से लोग शिकायत नहीं कर पा रहे है, लेकिन किसान परेशानी में है। सिंध नदी में खनन प्रतिबंध होने के बावजूद भी लगभग दो दर्जन पनडुब्बियां दिन-रात रेत निकाल रही है। प्रशासन और पुलिस की सहमति से 200 से ज्यादा डंपर एवं 500 से अधिक ट्रेक्टर रेत के अवैध परिवहन में लगे हुए है। भिण्ड नगर पालिका परिषद के प्रशासक भिण्ड के कलेक्टर होते हुए खुलेआम भ्रष्टाचार हो रहा है, जिसमें ऑफलाइन टेण्डर एक-एक लाख रुपए के टेण्डर कार्य करने का ऑर्डर दिया जा रहा है, जबकि कोई भी कार्य नहीं किया जा रहा है व भुगतान कर दिया जाता है, इससे प्रतीत हो रहा है कि नगर पालिका में जनता के धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने नगर पालिका परिषद भिण्ड के कार्यालय की छतों की मरम्मत हेतु एक-एक लाख रुपए के ऑफलाइन टेण्डर दिए गए हैं व भुगतान कर दिया गया है। जबकि एक ही छत के कई बार कई ऑर्डर दिए गए एवं भुगतान कर दिया गया है। एक लाख से ऊपर की लागत के कार्य हो तो उसकी विज्ञप्ति दी जाकर टेण्डर दिए जाते हैं, जबकि नियमों का पालन कर चहेतों को लाभ दिया जा रहा है। इसलिए भिण्ड नगर पालिका के सीएमओ को निलंबित कर विभागीय जांच की जाएं।
प्रशासक जिला कलेक्टर फिर बिना जांच पैमेंट कैसे
नगर पालिका में जो बंटाधर एक जनप्रतिनिधि के दवाब में नगर पालिका अधिकारी कर रहे हैं, जब कलेक्टर प्रशासक की भूमिका में फिर बिना सत्यापन किए बिल कसे पास हो रहे हैं, क्या उनकी भी भूमिका संदिग्ध हैं?
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. अनिल भारद्वाज के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में पूर्व जिलाध्यक्ष जयश्रीराम बघेल, ईरशाद अहमद, सजंय भूता, ममता मिश्रा, अंशु अरेले, रामहर्ष कुशवाह, महेश जाटव, दीपचंद्र तिवारी, सतपाल अगरैया, दीपू दुबे, विनोद जाटव, अमित शिवहरे, अरविंद सोनी, आलोक सोनी, विजय देपुरिया, कमलेश जाटव, सोहन तिवारी, अदीब खान, भगीरथ कुशवाह, गिरीश यादव, ब्रजेश जैन, रितेश परिहार, अशोक गुप्ता, अजय शर्मा, शंकर पटेल, बबलू त्यागी, गोविन्द शाक्य, हीरासिंह बघेल, किशन तिवारी, पिंटू शर्मा, अंकित यादव आदि शामिल रहे।