नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 वर्ष का कठोर कारावास

ग्वालियर, 14 अक्टूबर। अनन्यत: विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) एवं एकादशम जिला एवं अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट जिला ग्वालियर तरूण सिंह की अदालत ने प्रकरण क्र.25/2025 नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी शुभम उर्फ शिवम जाटव उम्र 25 वर्ष निवासी शिंदे की छावनी, लक्ष्मण तलैया न्यू प्रेमनगर के सामने बहोड़ापुर जिला ग्वालियर को धारा 87 बीएनएस में 5 वर्ष कठोर कारावास व 2500 रुपए अर्थदण्ड तथा धारा 5एल/6 पॉक्सो अधिनियम में 20 वर्ष के कठोर कारावास व 2500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया गया है एवं पीड़िता को पांच हजार रुपए प्रतिकर स्वरूप प्रदान करने का आदेश पारित किया है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक हरिओम वर्मा ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि 9 दिसंबर 2024 को पीड़िता अपनी माता के साथ शिवम जाटव के छेड़छाड़ वाले केस में कथन देने के लिए ग्वालियर आ रही थी। 10 दिसंबर को सुबह उसने अपनी मम्मी के फोन से शिवम को फोन लगाकर बोला कि आज कोर्ट में तारीख है, तब शिवम ने कहा कि तुम तारीख पेशी पर मत जाना, मैं तुम्हें लेने के लिए आ रहा हूं। शिवम की बातों में आकर वह सुबह 6 बजे पनिहार रेलवे स्टेशन पर टॉयलेट के लिए बोलकर उतर गई। वहां शिवम उसे लेने के लिए नहीं आया, तब उसने एक व्यक्ति से फोन लेकर शिवम को फोन किया तो शिवम ने उससे कहा कि तुम बस में बैठकर ग्वालियर आ जाओ, मैं ग्वालियर में मिलूंगा, तब वह बस से ग्वालियर आ गई। वह बस स्टेण्ड से टैक्सी से शिंदे की छावनी पहुंची जहां उसे शिवम मिला। 10 दिसंबर को रात्रि में वह शिवम के साथ बस से जयपुर गई। 11 दिसंबर को जयपुर से खाटू श्यामजी दर्शन किए और जयपुर में 2 दिन घूमने के पश्चात 13 दिसंबर को पुन: बस से ग्वालियर आ गई। ग्वालियर में शिवम ने होटल किराए पर लिया जहां पर वह दोनों रहने लगे और इसी दौरान अभियुक्त शिवम ने उसकी मर्जी के बिना उसके साथ 3 बार गलत काम किया। शिवम को यह जानकारी होने पर कि उसके पिता ने उसके विरुद्ध रिपोर्ट पंजीबद्ध करा दी है, तब शिवम उसे कोर्ट के बाहर छोड़कर चला गया। अभियोक्त्री के कथन लेखबद्ध किए जाने के उपरांत उसका चिकित्सा परीक्षण कराया गया। अभियुक्त शिवम उर्फ शुभम जाटव के विरुद्ध थाना पनिहार में धारा 87, 64(2), 65(1) भारतीय न्याय संहिता की एफआईआर दर्ज कर विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया।
न्यायालय ने अभियुक्त शिवम जाटव के विरुद्ध आरोप लगाकर विचारण प्रारंभ किया। विचारण के दौरान पीड़िता की मां के कथन एवं डीएनए रिपोर्ट एक समान होने के आधार पर तथा अभियोजन द्वारा न्यायालय के समक्ष किए गए तको्रं से सहमत होकर न्यायालय ने आरोपी शिवम उर्फ शुभम जाटव को दोषी पाकर नाबालिग को व्यपहरण की धारा 87 में 5 वर्ष के कठोर कारावास एवं 2500 रुपए अर्थदण्ड तथा अभियुक्त द्वारा पीड़िता के साथ बार-बार बलात्संग करने के आरोप में धारा 5/6 पॉक्सो अधिनियम के अंतर्गत 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 2500 रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अभियुक्त गिरफ्तारी दिनांक से निर्णय सुनाने तक लगातार जेल में बंद है।