उचित मुआवजा दिलाने एवं बिजली अधिकारी पर कार्रवाई करने को लेकर कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन
इस लापरवाही के लिए अधीक्षण यंत्री को तत्काल प्रभाव से किया जाए बर्खास्त
भिण्ड, 26 अक्टूबर। दो दिन पूर्व देहात थाना अंतर्गत मन का बाग बबेड़ी के पास बिजली के तार की चपेट में आने से हुई तीन लोगों की और दो बैलो की मौत एवं घायलों को उचित मुआवजा दिलाने को लेकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष मानसिंह कुशवाहा के नेतृत्व में मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में मृतकों के परिजनों के साथ कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस को ज्ञापन सौंपा गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ना सिर्फ प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए बल्कि मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा ना देने पर अग्रिम विशाल जन आंदोलन करने की चेतावनी दी।

बता दें कि बिजली विभाग की लापरवाही दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। जिस पर अंकुश लगाना प्रशासन के लिए नामुमकिन सा साबित हो रहा है। जिसके कारण आए दिन बेगुनाह लोगों की जान जा रही है। बिजली विभाग के द्वारा मेंटीनेंस के नाम पर घंटों अघोषित कटौती की जाती है। बावजूद इसके अभी तक बिजली विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा मेंटीनेंस पूर्ण रूप से नहीं हो सका है। जिसके कारण विभाग की लापरवाही के चलते 24 अक्टूबर की रात करीब आठ बजे ग्राम मन का बाग बबेड़ी के पास लटकते हुए तार के संपर्क में आने से घुमंतु समुदाय (लोहपीटा) के तीन लोगों की जिनमें एक महिला, एक पुरुष एवं मासूम बच्चे की एवं दो बैलों की मौत हो गई। जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। लिहाजा प्रशासन ने खानापूर्ति करते हुए मृतकों के परिजनों को शासन द्वारा मिलने वाली चार लाख रुपए की राशि देकर मामले को निपटाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि यह लापरवाही विद्युत विभाग के अधिकारियों की है, जिसको लेकर स्थाई निवासियों द्वारा विगत कई दिनों से शिकायत की जा रही थी, लेकिन अपने दफ्तरों में आराम फरमा रहे अधिकारियों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, नतीजतन तीन लोगों के साथ दो बैलों की मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
कलेक्टर का दिखा गैर जिम्मेदाराना रवैया
पीडि़तों को न्याय दिलाने को लेकर कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष मान सिंह कुशवाहा पीडि़त परिवार को साथ लेकर सैकड़ों की संख्या में कलेक्ट्रेट परिसर में करीब दो घण्टे तक कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस का इंतजार करते रहे, तब कहीं जाकर कलेक्टर ने ज्ञापन लिया। सोचने वाली बात है कि इतनी बड़ी जनहानि होने के बाद भी परिवार के साथ संवेदनाएं व्यक्त ना करते हुए कलेक्टर ने अपने दफ्तर में आराम फरमाना उचित समझा, ना कि तत्काल पीडि़त परिवार से रूबरू होकर उनका दर्द बांटने का प्रयास किया। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला कलेक्टर आम लोगों के साथ कितने संवेदनशील है।
अधीक्षण यंत्री ने खानापूर्ति करते हुए जेई को किया कार्यमुक्त
बता दें कि बड़े मामले को शांत करने के लिए अधीक्षण यंत्री ने अपने दफ्तर से फरमान जारी करते हुए तत्काल प्रभाव से जेई को कार्यमुक्त कर दिया है जबकि इस जनहानि के जिम्मेदार वह स्वयं है। लेकिन विभागों का हमेशा से ही रिवाज रहा है कि कोई भी घटना घटित होती है तो छोटे कर्मचारियों को ही मोहरा बनाया जाता है।और बड़े अधिकारी अपने आप को बचा ले जाते हैं। इन्हीं सब मुद्दों को लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष मानसिंह कुशवाहा के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपते हुए उल्लेख किया कि सर्वप्रथम जांच कर बिजली विभाग के अधिकारी पर हत्या का मामला दर्ज किया जाए एवं मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख और घायलों को पांच-पांच लाख की सहायता राशि मुहैया कराई जाए। जिससे उनका जीवन यापन उचित तरीके से हो सके।
ज्ञापन में सौंपने वालों में शहर जिलाध्यक्ष डॉ. राधेश्याम शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष जयश्रीराम बघेल, कांग्रेस सेवादल अध्यक्ष संदीप मिश्रा, राहुल सिंह कुशवाह, इरशाद अहमद, आशुतोष शर्मा, विनोद पंडित, रॉकी तोमर, वीरेन्द्र यादव, डॉ. अनिल भारद्वाज, दीपू दुबे, अजय कुमार विमल, सुमित बघेल, शिवम सेंथिया, बृजेन्द्र सिंह कल्लू, बलराम सिंह राजावत भारौली, रामगोविन्द सिंह राजावत, गगन सिंह राजावत, देवेन्द्र सिंह कुशवाहा, काजी रिजवान, समीर भदौरिया, आशीर्वाद शर्मा, शालू पुरोहित, जितेन्द्र वर्मा, राजवीर खन्ना, ममता मिश्रा, संजय भूता, अरविंद सोनी, अमित शिवहरे के अलावा सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।