करवा चौथ व्रत रविवार को, सुहागिनों ने जमकर की खरीददारी

मंहगाई के बावजूद बाजारों में रौनक, दुकानदारों के चेहरे खिले

ग्वालियर, 19 अक्टूबर। भारतीय सभ्यता का प्रतीक एवं सुहागिन नारियों का महापर्व करवा चौथ का व्रत रविवार को देशभर हर्षोल्लास एवं श्रृद्धा के साथ मनाया जाएगा। करवा चौथ की तैयारियों की रौनक बाजारों में शनिवार को देखने को मिली और प्रत्येक सेक्टर में महिलाएं खरीददारी करती नजर आईं। दुकानों पर खरीददारी के लिए उमडी भीड देख कर दुकानदार भी खुश नजर आए।
महंगाई का दंश भी भारतीय नारियों के महापर्व करवा चौथ को प्रभावित नहीं कर सका और महंगाई के बावजूद बाजार सोमवार को खूब चला और देर शाम तक दुकानों पर खरीददारों की भीड दिखाई दी। करवा चौथ का पर्व वर्ष में एक बार आता है और इस दिन सुहागिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं, शाम को शादी के जोडे एवं नई-नई साडियों में सजधज कर करवा चौथ का पूजन करती हैं और चन्द्रमा को अर्ग देकर पति की पूजा अर्चना कर पति के हाथ से जल पीकर अपना व्रत तोडती है। करवा चौथ का पर्व देश की प्रत्येक सुहागिन महिला मनाती है और अपने पति की दीर्घायु की कामना करती है।
करवाचौथ व्रत को लेकर महिलाओं में भारी उत्साह देखने को मिला तथा बाजार में प्रत्येक सेक्टर में खरीददारी के लिए महिलाओं की भीड नजर आईं। सबसे ज्यादा भीड साडी सेेटरों, श्रंगार सेंटरों, आर्ट ज्वैलरी एवं रंगविरंगी चूडियों की दुकानों आदि में देखने को मिली। इस दिन महिलाऐं पूर्ण श्रंगार करती है और तब पूजा पर बैठती हैं।
रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाएगा करवा चौथ व्रत
वर्ष भर महिलाओं को करवा चौथ के व्रत का इंतजार रहता है। सुहागिन स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत रखती हैं, इस व्रत को निर्जला रखा जाता है। वरिष्ठ ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकुमचंद जैन ने बताया कि इस बार तिथियों का असर त्योहारों पर चल ही रहा है। करवा चौथ भी इस बार सूर्योदय को स्पर्श नहीं कर रही, न ही दूसरे दिन के सूर्योदय को। अर्थात चतुर्थी का क्षय हो गया। तृतीया युक्त चतुर्थी तिथि में ही सुहागिन स्त्रियां इस बार का करवा चौथ के व्रत का संकल्प लेकर कर सकेगी। जैन ने कहा कि 20 अक्टूबर रविवार को सुबह 6:46 बजे से चतुर्थी प्रारंभ होकर रविवार की ही रात 4:46 बजे पर समाप्त हो जाएगी। इस प्रकार करवा चौथ का व्रत और चंद्र दर्शन 20 अक्टूबर रविवार को ही होगा। इस दिन रोहिणी नक्षत्र का संयोग सुबह 8:31 बजे से चतुर्थी तिथि के साथ होने से शुभ रहेगा। चतुर्थी प्रारंभ होने से पहले ही 6:46 बजे तक भद्रा भी समाप्त हो जाएगी।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त
इस दिन सुबह दैनिक चर्या से निवृत्त होकर स्नान आदि कर व्रत रखने का संकल्प सात बजे से पूर्व से चंद्रोदय तक निर्जला उपवास का संकल्प करें। चंद्रोदय का समय- मैदानी क्षेत्रों पर रात्रि 8:20 पर अन्य स्थानों पर रात्रि 8:40 तक होगा। इस से पूर्व व्रतार्थी महिलाएं मिट्टी के करवा में परम्परागत तरीके से पूजन कर चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को अर्घ देकर अपने तरीके से पूजन करें, पति सहित अपनी सास के पैर छूकर व्रत खोलकर भोजन करें।
किस राशि वालों को किस रंग की साडी, चूडी श्रृंगार करना चाहिए
करवा चौथ का निर्जला उपवास बडा कठिन है, परंतु सुहाग की रक्षा, दीर्घायु के लिए रखने से महिलाओं में शक्ति आजाती है अपने राशि के अनुसार उसी रंग का श्रृंगार में अधिकता से और ज्यादा उत्साह उमंग आती हैं। मेष, सिंह, वृश्चिक, राशि वाले को रेड, साडी, चूडी, श्रृंगार की अधिकता करनी चाहिए। वृष, कर्क, तुला राशि वाले को डायमंड, चमकीली रंग बिरंगी, झिलमिलाती रंगों की अधिकता रखनी चाहिए। मिथुन, कन्या, मकर, कुंभ राशि वाले को ग्रीन, स्काई ब्लू रंगों की अधिकता रखना चाहिए। धनु, मीन राशि वालों को संतरी, ब्राउन, यलो रंग की अधिकता मिक्स कलर लेना चाहिए।