-संत विवेकानंद स्कूल में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित
भिण्ड, 09 अगस्त। मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय मप्र एवं कार्यपालक अध्यक्ष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार ‘पंच-ज’ अभियान के अंतर्गत पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से 15 अगस्त तक वृहद पौधारोपण अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में प्रधान जिला न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड राजीव कुमार अयाची के कुशल मागदर्शन एवंं जिला न्यायाधीश/ सचिव जिविसेप्रा भिण्ड हिमांशु कौशल की अध्यक्षता में तथा जिला विधिक सहायता अधिकारी भिण्ड सौरभ कुमार दुबे की उपस्थिति में बुधवार को संत विवेकानंद स्कूल इटावा रोड भिण्ड में विधिक साक्षरता शिविर एवं पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर सचिव/ जिला न्यायाधीश हिमांशु कौशल ने विद्यालय के समस्त छात्रों को अवगत कराया कि वृक्ष हमें छाया, प्राणवायु, फल-फूल, औषधि, लकडी आदि प्रदान करते हैं एवं मिट्टी के कटाव को रोकते हैं तथा हमारे वातावरण को शुद्ध रखते हैं एवं पशु-पक्षियों के रहने का आसरा भी होते हैं। वृक्ष न सिर्फ हमें प्राणदायी ऑक्सीजन देते हैं बल्कि वे कार्बन-डाई-ऑक्साइड को अवशोषित कर वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग के कारण उत्पन्न खतरे को कम करने में हमारी मदद करते हैं। इसलिए हमें नियमित पौधारोपण करना चाहिए तथा रोपित पौधों की सुरक्षा एवं उनके बडे हो जाने तक नियमित रूप से जल संचय की व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी चाहिए, जिससे पौधे विकसित होकर पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन में सहायक सिद्ध हो सके। इसी क्रम में जनजाति संवर्धन के बारे में समझाया कि जनजातियां वह मानव समुदाय हैं जो एक अलग निश्चित भू-भाग में निवास करती हैं और जिनकी एक अलग संस्कृति, अलग रीति-रिवाज एवं अलग भाषा होती है एवं जनजाति उस सामाजिक समुदाय को कहा जाता है जो राज्य के विकास से पहले अस्तित्व में था एवं संविधान के अनुच्छेदों में अनुसूचित जनजाति शब्द का प्रयोग हुआ है, इसके लिए विशेष प्रावधान लागू किए गए हैं। जनजाति, भारत के आदिवासियों के लिए इस्तेमाल होने वाला एक वैधानिक शब्द है। इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्य गीता रेडू, अध्यापकगण संजय यादव, अभिनय कुमार दुबे, विद्यालय के छात्र-छात्राएं एवं पीएलव्ही भिण्ड मनोज कुमार श्रीवास, प्रभुदयाल शेजवार उपस्थित रहे।