भिण्ड, 29 जुलाई। आरिफ भाई और याराना एक-दूसरे के पूरक थे, दोस्ती करना और उसे निभाना, आरिफ भाई बडे अच्छे से जानते थे। फकीराना अंदाज और सादा लिबास ही उनकी पहिचान थी। शान शौकत से वे कोसों दूर थे। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। यह बात पूर्व मंत्री एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविन्द सिंह ने कांगे्रस नेता आरिफ अकील के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि आरिफ भाई और मैं विधानसभा में एक ही सीट पर लगभग 32 वर्षों तक बैठते रहे। वर्ष 1990 में वे निर्दलीय चुनाव जीते और 1993 में हार गए। वर्ष 1998 से लेकर 2023 तक वे लगातार विधायक रहे और हम दोनों को एक ही सीट अलॉट हुई। पार्टी के नाते भी और एक ही सीट पर बैठने की वजह से मेरी और उनकी मित्रता बढ़ती गई और अंत तक वे साथ ही रहे। साफ और स्पष्ट कहना उनका स्वभाव था। सही मायने में वे यारों के यार थे। आज वे हमारे बीच नहीं रहे और इस फानी दुनियां को अलविदा कह कर चले गए। अल्ला ताला इस दु:ख की घडी में उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति दे।