भिण्ड, 08 अक्टूबर। गोल्डन वल्र्ड रिट्रीट सेंटर मालनपुर में चल रही सात दिवसीय आध्यात्मिक श्रीमद् भागवत गीता ज्ञान के छठवें दिन ब्रह्माकुमारी दीपा दीदी ने बताया कि कलयुग की छाया है, ऐसे में बुराइयां तेजी से पनपती हैं। घर-परिवार, समाज कहीं भी जाएंगे बुराई से बच नहीं पाएंगे। लोगों में राग-द्वेष, तृष्णा भरी हुई है। हर कोई अपने अपमान का बदला लेना चाहता है। गुस्से में हर इंसान भरा हुआ है। किसी को वह आगे बढते हुए नहीं देखना चाहता है। ऐसे में सिर्फ एक ही रास्ता है और वह है प्रभु की शरण में जाना। धर्म की ओर बढना। जितना धर्म और धार्मिक चीजों से आप जुडेंगे आप सही रास्ते पर चलेंगे। इस संसार की प्रकृति को समझना अति आवश्यक है। जिस तरह बरगद के वृक्ष की जडें ऊपर की ओर तथा शाखाएं नीचे की ओर होती हैं, इसके पत्ते वैदिक स्त्रोत हैं, जो इस वृक्ष के रहस्य को जान लेता है उसे वेदों का ज्ञाता माना जाता है।
उन्होंने कहा कि भगवान बताते हैं कि इस संसार में इस वृक्ष के वास्तविक स्वरूप का बोध नहीं हो सकता है और ना ही इसके आदि अंत और निरंतर अस्तित्व को जाना जा सकता है, अत: इस गहन जडों वाले वृक्ष को सशक्त शास्त्रों से काट देना चाहिए तभी इसके आधार को कोई जान सकता है। उसी प्रकार जो अभिमान और मोह से मुक्त रहते हैं एवं जिन्होंने आसक्तियों की बुराइयों पर विजय पा ली है, जो निरंतर प्रभु प्रेम में लीन होते हैं, जो सुख-दुख के भाव से दूर रहते हैं ऐसे निर्गुणी ही भगवान को प्रिय होते हैं। जिस प्रकार से वायु को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाती है, उसी प्रकार से आत्मा शरीर का त्याग करती है और शरीर में प्रवेश करती है, वह अपने साथ मन और इन्द्रियों को भी ले जाती है। हमें अपने अंदर की लालच, मोहमाया इस प्रकार के सभी विकर्मों को त्याग देना चाहिए, जिससे आपको किसी भी लक्ष्य में जरूर सफलता मिलेगी, अगर आपका मन शांत है तो आप किसी भी लक्ष्य को बिना झिझक के हासिल कर सकते हैं। हर पत्थर भगवान नहीं होता, जब तक उसमें टांकी-हथोडे की चोट नहीं लगती। संसार में सुख और दुख दोनों ही मिल रहे हैं, जब तक हम इसको सहन नहीं करते तब तक आगे नहीं बढ सकते। किसी भी मूर्ति को बनाने के लिए उसमें हथौडे की मार पडती है, ऐसे ही हमारे जीवन में आने वाली परिस्थितियां हमें आगे बढाने को आती हैं, लेकिन दुख के माहौल में भी हम अपना मन ईश्वर में लगाए रखें। आज कथा में श्रीकृष्ण-राधे का स्वयंवर अर्थात लक्ष्मी-नारायण की ताजपोशी भी की गई।
कार्यक्रम में ग्वालियर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह पधारे। जिन्होंने केक काटकर एवं अपनी शुभकामनाएं देकर कार्यक्रम की प्रशंसा की और कहा कि श्रीमद् भागवत गीता में दिए गए ज्ञान से जुडकर हम अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं, हमें उसका रोज श्रवण करना चाहिए। कार्यक्रम में बाल कलाकारों द्वारा बहुत अच्छी प्रस्तुति दी गई, दाऊजी से पधारी ब्रह्माकुमारी सीमा बहन ने कहा कि हमें शांति का मार्ग अपनाना चाहिए। संचालीका ज्योति बहन ने सभी को क्रोध मुक्त बनने पर जोड दिया। कार्यक्रम में कृष्णा बहन पोरसा, रुक्मणी बहन गोहद, दीपिका बहन इटावा, सतनाम भाई ग्वालियर, नीलेश भाई झांसी, नितेश भाई मुरैना से उपस्थित थे।