मनरेगा को बचाने के लिए श्रमिक आगे आएं : डॉ. विक्रम सिंह

अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन की संयोजक समिति गठित

भिण्ड, 09 मई। अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन की बैठक भिण्ड सर्किट हाउस में आयोजित की गई। जिसको संबोधित करते हुए यूनियन के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉ. विक्रम सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार लगातार कृषि और कृषि श्रमिकों के कार्यों के मदों में कटौती करने पर लगी हुई है। अभी इस केन्द्रीय बजट में भी मनरेगा सहित सभी मदों में कटौती की गई है। इसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने वाली योजना मनरेगा के अस्तित्व पर ही संकट पैदा हो गया है। इससे मजदूर वर्ग के जीवन-यापन का संकट गहरा गया है। ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के भ्रष्टाचार से मजदूर लगातार बदहाल होते जा रहे है। इसके लिए खेत मजदूरों को संगठित होकर अपने हको के लिए काम के साथ-साथ संघर्ष करना होगा। साथ ही अपने बुनियादी अधिकारों के लिए एकता को भी मजबूत बनाना होगा।
खेत-मजदूर यूनियन के प्रांतीय संयोजक रामबाबू जाटव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार के चलते व मजदूरों की दुर्दशा आर्थिक रूप से बहदाली के कारण जीवन-यापन भी ठीक तरह से नहीं कर पा रहे है। उनके बच्चों को भी ठीक-ठाक से पढ़ाई लिखाई न करते हुए उनके साथ मजदूरी के लिए जाना पड़ता है। इससे उनका भविष्य भी अधर में है। इसके लिए आने वाले दिनों में खेत-मजदूर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष को और मजबूत करेंगे। बैठक में नौ सदस्यीय संयोजक समिति का गठन किया गया। जिसमें नरेन्द्र सिंह सेंगर को संयोजक, रामकेश केवट को उप संयोजक, सोवरन जाटव, मुन्नालाल बाथम, बटई सिंह चौहान, रामचरन श्रीवास को सदस्य चुना गया।