मानवता की पाठशाला में झुग्गी बस्ती की बच्चों की बीच मनाई होली

बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए दिए रंग-गुलाल-पिचकारी

भिण्ड, 17 मार्च। रंग भरें किसी के जीवन में ऐसे कि यादगार बन जाए, दामन में खुशियां बिखेरे ऐसे कि महकता उपवन बन जाए। जी हां होली का त्यौहार हमें यह प्रेरणा देता है कि हमें दूसरों के जीवन में रंग भरने अर्थात उन्हें खुशियां देने के अवसर ढूंढने चाहिए ताकि उनके चेहरे साथ ही साथ हृदय भी रंगों की तरह खिले-खिले दिखें, इस होली पर भी मानवता की पाठशाला ने कुछ ऐसी ही एक अनूठी पहल की, सभी सदस्यों ने मिलकर हर साल की तरह इस बार भी झुग्गी बस्ती में जाकर बच्चों के साथ होली का यह पावन पर्व मनाया।
मानवता कि पाठशाला के संयोजक बबलू सिंधी ने बताया कि हम अक्सर अपने बच्चों के लिए महंगी-महंगी पिचकारी, खिलौने लाते हैं, पर आस-पास ही कुछ ऐसे बच्चे भी होते हैं जो इन त्यौहारों को संसाधनों के अभाव के चलते मनाने में असमर्थ होते हैं। मानवता की पाठशाला के सदस्यों द्वारा इन बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए रंग-गुलाल-पिचकारी उपलब्ध कराईं और खूब रंग गुलाल उड़ाया। साथ ही सभी बच्चों को होली की शान गुजिया खिलाई और अन्य मिठाईयां उपहारस्वरूप दी गईं। साथ ही होली को मनाने का कारण भी विस्तार से समझाया गया। इस अवसर पर श्रीमती रानू ठाकुर, श्रीमती माधवी चौधरी, श्रीमती रानी जैन, श्रीमती सारिका खरे, शीतल जैन, मोनिका जैन, वर्षा चौधरी, छाया जामोर, तान्या राजावत, मैगी जैन, वर्षा पोल, जूही जैन, हेमा जैन, सलोनी जैन, प्रेरणा जैन, राजेश कुमार चौधरी, बबलू सिंधी, दिव्यम, हर्षिता, दिवांशु आदि सदस्य उपस्थित रहे।