भिण्ड, 10 मार्च। मप्र के बजट में कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा नहीं होने से प्रदेश के कर्मचारियों में निराशा है। कर्मचारियों को उम्मीद थी की राजस्थान सरकार एवं अन्य सरकारों द्वारा पुरानी पेंशन लागू करने की घोषणा कर देना के बाद मप्र में भी पुरानी पेंशन लागू कर दी जाएगी, किंतु मप्र के बजट में वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने पुरानी पेंशन पर कोई विचार नहीं करना बताया। जबकि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों के लिए आज जारी बजट में पुरानी पेंशन बहाल करने की घोषणा कर दी गई।
जानकारी देते हुए पुरानी पेंशन बहाली संघ मप्र के संभागीय अध्यक्ष पंकज सोनी एवं संभागीय उपाध्यक्ष प्रवेन्द्र शर्मा, जिलाध्यक्ष गीतेन्द्र सिंह कुुशवाह ने बताया कि बजट से मप्र के कर्मचारियों को काफी उम्मीद थी किंतु बजट सत्र में पेंशन संबंधी कोई घोषणा नहीं की गई, जिससे प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों में रोष व्याप्त हो गया है और यह आक्रोश आने वाली 13 मार्च को भोपाल में दिखेगा। ज्ञात रहे कि एक जनवरी 2005 से मप्र के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बंद करके नई पेंशन योजना लागू कर दी गई है, जिसके तहत कर्मचारियों के कुल वेतन का 10 प्रतिशत अंशदान कर्मचारी का तथा 12 प्रतिशत अंशदान शासन की ओर से मिलाकर शेयर मार्केट में लगा दिया जाता है, जिससे कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट पर निर्भर हो गया है। रिटायरमेंट के समय कुल जमा राशि का 60 प्रतिशत कर्मचारी को नगद दिया जाता है, जिस पर आयकर भी लगता है तथा शेष 40 प्रतिशत राशि के ब्याज से कर्मचारियों को पेंशन दी जाती है। इस नई पेंशन योजना के तहत रिटायर होने पर कर्मचारी को 600 रुपए से लेकर 1200 रुपए प्रति माह तक पेंशन मिलती है, जो उनके जीवन यापन के लिए बहुत ही कम है। जिससे वृद्धावस्था में सेवानिवृत्ति के पश्चात कर्मचारी को दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती है। वहीं पुरानी पेंशन योजना यदि लागू कर दी जाती है तो कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के समय मिल रहे अंतिम वेतन का आधा पेंशन के रूप में मिलता है तथा समय-समय पर महंगाई भत्ता भी बढ़ता है, जिससे रिटायरमेंट के पश्चात कर्मचारी आसानी से अपना जीवन यापन कर सकते हैं। पुरानी पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए बंद कर दी गई किंतु सांसदों और विधायकों के लिए अभी भी पुरानी पेंशन योजना ही लागू है, यदि कोई जनप्रतिनिधि एक दिन के लिए भी विधायक अथवा सांसद बनता है तो उसे पुरानी परिवार पेंशन दी जाती है, जबकि आजीवन सरकार की सेवा करने वाले कर्मचारी से यह हक छीन लिया गया है। इतना ही नहीं रक्षा सेवा में लगे बीएसएफ और सीआरपीएफ के जवानों को भी पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा जो कतई न्यायोचित नहीं है।
संघ के पदाधिकारी संतोष यादव, मनीष मिश्रा, अवधेश सविता, विनायक शर्मा, रवि दीक्षित, विनोद गोयल, दिलीप सिंह सिसोदिया, गोविन्द सिंह भदौरिया, बीएन दिवाकर, अनुराग द्विवेदी, राघवेन्द्र तोमर आदि ने जिले के समस्त पेंशन विहीन अधिकारियों कर्मचारियों से अपील की है कि 13 मार्च को भोपाल के नेहरू नगर स्थित कलियासोत ग्राउण्ड में अवश्य पहुंचे एवं पुरानी पेंशन बहाली की मांग को मजबूती प्रदान करें।