मिट्टी का तेल डालकर बहू की हत्या करने वाली आरोपिया सास को आजीवन कारावास

रायसेन, 03 जनवरी। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट 2012) जिला रायसेन के न्यायालयने निर्णय पारित करते हुए अभियुक्त ताराबाई पत्नी कुंजीलाल राय निवासी पशु अस्पाताल रोड, बरेली, जिला रायसेन को अपनी बहू मिट्टी के तेल से आग लगा कर उसकी हत्या करने के आरोप में दोषी पाते हुए धारा 302 एवं 498ए भादंसं में आजीवन कारावास तथा 700 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इस मामले में मप्र राज्य की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक जिला रायसेन धनीराम विश्वकर्मा ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती किरण नंदकिशोर के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि 19 अप्रैल 2006 को पीडि़ता को उसके ससुर कुंजीलाल राय द्वारा शासकीय अस्पताल रायसेन में 12 बजे जली हुई हालत में लाया गया। वह 100 प्रतिशत जली हुई थी और उसके शरीर से केरोसीन की गंध आ रही थी। पीडि़ता को हमिदिया अस्पताल भोपाल में रिफर किया गया तथा पुलिस को घटना की सूचना दी गई। उपनिरीक्षक थाना बरेली आरके धारिया ने पीडि़ता के कथन देहाती नालसी के रूप में दर्ज किए, जिसमें उसने बताया कि महेश के साथ उसका विवाह होने के बाद से ही उसकी सास ताराबाई और पति महेश उससे छोटी-छोटी बात पर से झगड़ा एवं मारपीट करते थे। उक्त दिनांक को दोपहर करीब 11 बजे उसकी तबियत ठीक न होने से खाना नहीं बना पाने की बात पर से सास ताराबाई और पति ने झगड़ा किया और उस पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी, जिससे उसका पूरा शरीर जल गया, इसके बाद पीडि़ता के मरणासन्न कथन भी तहसीलदार दीपक पाण्डे द्वारा चिकित्सक की उपस्थिति में दर्ज किया गया। मरणासन्न कथन लेने के पूर्व व बाद में चिकित्सक द्वारा परीक्षण कर लेख किया गया। उपनिरीक्षक थाना बरेली आरके धारिया ने पीडि़ता के कथन लेखबद्ध किए एवं बताया कि हमीदिया अस्पताल भोपाल में इलाज के दौरान ही 28 अप्रैल 2006 को पीडि़ता की मृत्यु हो गई जिसकी सूचना मर्ग इंटिमेशन के रूप में सीएमओ द्वारा टेलीफोन ऑपरेटर को दी गई व थाना बरेली द्वारा असल मर्ग दर्ज किया गया। 19 अप्रैल 2006 को ही बरेली में देहाती नालसी के आधार पर धारा 307/34 के अंतर्गत पीडि़ता के पति महेश एवं सास ताराबाई के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया गया। लाश पंचनामा व शव परीक्षण में मृत्यु का कारण जलने से एवं उससे उत्प न्नद हुई जटिलताओं के कारण होना पाया गया।
विवेचना के दौरान नक्शा मौका बनाया गया तथा पीडि़ता के परिजनों के कथन लेखबद्ध किए गए, जिसमें उन्होंने बताया कि पीडि़ता के विवाह के बाद से ही उसकी सास व पति उनसे दहेज की मांग करते थे तथा पीडि़ता से झगड़ा व मारपीट करते थे। पीडि़ता के परिजनों ने यह भी बताया कि आरोपीगण ने पहले भी मिट्टी का तेल डालकर पीडि़ता को जलाने का प्रयास किया था। जिस पर से धारा 307, 302, 304बी, 498ए, 34 भादंसं, दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से मामला उपार्पित होकर विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी 2012) को प्राप्ता हुआ। न्यायालय ने अभियुक्त महेश को दोषमुक्त किया एवं अभियुक्ता ताराबाई के फरार हो गई थी, जिसके उपस्थित होने पर न्यायालय द्वारा अग्रिम कार्रवाई की गई।