नशा नहीं, शिक्षा चुनो यही असली क्रांति है : संजीव नायक

– ग्राम बिरखड़ी में नशा मुक्ति एवं सामाजिक समरसता चौपाल आयोजित

भिण्ड, 19 अक्टूबर। लहार क्षेत्र के ग्राम बिरखड़ी में आयोजित नशा मुक्ति एवं सामाजिक समरसता चौपाल ने क्षेत्र में सामाजिक जागरूकता की नई लहर को जन्म दिया। इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं को नशे की लत से दूर रखना, समाज में समरसता और शांति की स्थापना करना तथा अवैध शराब और जातीय वैमनस्य के खिलाफ जनजागरण करना था। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, युवाओं, समाजसेवियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया। चौपाल में युवाओं ने सामूहिक रूप से संकल्प लिया कि वे नशे से दूर रहकर अपने घर, समाज और नगर को अपराधमुक्त और खुशहाल बनाएंगे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एडवोकेट संजीव नायक ने कहा कि नशा किसी भी रूप में जहर है। यह व्यक्ति की सेहत को बिगाड़ता है, परिवार की खुशियां छीनता है और समाज की शांति को नष्ट करता है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस बुराई के खिलाफ संगठित होकर खड़े हों और शराबबंदी को जनआंदोलन में बदलें। उन्होंने शिक्षा को जीवन का अमृत बताते हुए कहा कि शिक्षा से ही आत्मबल और सकारात्मकता आती है। यदि शिक्षा और संकल्प हो तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता। उन्होंने जातिगत वैमनस्य और अवैध शराब को क्षेत्र की शांति के लिए खतरा बताया और कहा कि कुछ लोग क्षेत्र को जातीय संघर्ष की आग में धकेलना चाहते हैं, जिससे कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं। अब समय आ गया है जब क्षेत्र को शराबमुक्त बनाने के लिए संगठित अभियान चलाया जाए।
तहसीलदार निवास शर्मा ने कहा कि नशा जीवन को बर्बाद कर देता है। नशे से दूरी ही व्यक्ति के विकास में सहायक होती है। उन्होंने शासन की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और युवाओं से इन योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की। थाना प्रभारी राजवीर गुर्जर ने नशे को समाज के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा कि नशा व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर बना देता है, जिससे वह अपराध की ओर आकर्षित होता है। क्षेत्र में जितने भी गंभीर अपराध हुए हैं, उनमें अधिकांश मामलों में नशे की भूमिका रही है। पूर्व जनपद सदस्य मुकेश पाठक ने कहा कि पुलिस प्रशासन लगातार अवैध शराब के खिलाफ अभियान चला रहा है, लेकिन जब तक समाज स्वयं जागरूक नहीं होगा, तब तक इस समस्या का समाधान संभव नहीं है। उन्होंने युवाओं से विशेष रूप से आग्रह किया कि वे नशे से दूर रहें और अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाएं। उन्होंने चौपाल में उपस्थित सभी युवाओं से अपील की कि वे नशे के विरुद्ध संकल्प लें, अपने मित्रों और परिवार को जागरूक करें, और इस सामाजिक आंदोलन का हिस्सा बनें।
समाजसेवी गोविन्द नारायण जोशी ने नशा और सामाजिक समरसता के विषय में विस्तार से विचार रखे। उन्होंने कहा कि दबोह को खुशहाल और समरस बनाने के लिए सभी वर्गों को एकजुट होकर काम करना होगा। चौपाल का संचालन पंकज करैया ने किया। उन्होंने वक्ताओं को मंच पर आमंत्रित किया और कार्यक्रम को सुव्यवस्थित रूप से संपन्न कराया। कार्यक्रम में विवेक नायक, एडवोकेट सचिन शर्मा, अंकित जोशी, अंकित तेहनगुरिया, कृष्णा भारद्वाज, रोहित मिश्रा, अलोक भारद्वाज, गुड्डू गुप्ता, गोलू गुप्ता, भूरे रावत, सत्यनारायण दुबे, रामस्वरूप भारद्वाज, अरुण भारद्वाज, राजनारायण दुबे, दिलीप परिहार, रामशरण मिश्रा, बृजकिशोर विश्वकर्मा, नीरज, सोनूसिंह, अंकित राठौर, इलू जोशी सहित अन्य लोग शामिल थे।