भिण्ड, 10 अक्टूबर। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेएस यादव के निर्देशन में आज आईटीआई परिसर भिण्ड में चल रहे एनसीसी शिविर में स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में आईएमए अध्यक्ष डॉ. डीके शर्मा उपस्थित रहे।
इस अवसर पर आईएमए सचिव डॉ. देवेश शर्मा एवं क्वालिटी असेसर रीना यादव ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता व्याख्यान दिया तथा जीवन रक्षक तकनीक (सीपीआर -कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) का डेमो प्रस्तुत कर इसके महत्व एवं सही विधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सीपीआर की प्रक्रिया के अंतर्गत बताया गया कि यदि किसी व्यक्ति की सांस या दिल की धड़कन अचानक रुक जाए तो तुरंत उसे समतल स्थान पर लिटाकर उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करें। उसके बाद दोनों हाथों की एड़ियों से सीने के बीचों-बीच प्रति मिनट लगभग 100-120 बार दबाव दिया जाता है। प्रत्येक 30 दबावों के बाद दो बार मुंह से सांस दी जाती है। यह प्रक्रिया तब तक दोहराई जाती है जब तक व्यक्ति की सांस या धड़कन वापस न आ जाए अथवा चिकित्सकीय सहायता न पहुंच जाए। यह तकनीक हृदय गति रुकने की स्थिति में व्यक्ति का जीवन बचाने में सहायक होती है। अस्पताल पहुंचने से पहले की गोल्डन मिनट्स में सीपीआर करने से जीवित बचने की संभावना तीन गुना तक बढ़ जाती है। यह एक सरल किन्तु अत्यंत प्रभावी तकनीक है, जिसे हर आम व्यक्ति सीख सकता है। कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को आपातकालीन परिस्थितियों में प्राथमिक उपचार और जीवन रक्षा के लिए सीपीआर जैसी तकनीक सीखने हेतु प्रेरित किया गया।