नशा हमारे समाज की एक जटिल समस्या : प्रो. अली

– शा. एमजेएस महाविद्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

भिण्ड, 05 अक्टूबर। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शा. एमजेएस महाविद्यालय भिण्ड में नशा मुक्ति पखवाड़े के अंतर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा शनिवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमेंमें मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. इकबाल अली चौ. दिलीप सिंह कन्या महाविद्यालय भिण्ड मौजूद रहे। सर्वप्रथम महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धांजलि के लिए दीप प्रज्वलित किया गया।
इस अवसर पर प्रो. अली ने बताया कि नशा शब्द का विलोम शान है, व्यक्ति झूठी शान को दिखाने के लिए नशा का आदी होता जा रहा है। नशा हमारे समाज की एक जटिल समस्या बन चुका है, जो दिन-प्रतिदिन और गहरी होती जा रही है। यह नशा केवल एक व्यक्ति के जीवन को बर्बाद करता है, बल्कि परिवार और समाज पर भी गहरा प्रभाव डालता है। नशा चाहे शराब, सिगरेट, ड्रग्स या डिजिटल नशा हो, व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बर्बाद करता है। यह समस्या समाज के हर वर्ग में देखी जा सकती है, चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी। नशा मुक्ति अभियान भारत में नशे की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए एक संगठित प्रयास है। यह अभियान लोगों को नशे के खतरों से अवगत कराने, उन्हें सही मार्ग दिखाने और नशा मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित करने का कार्य करता है। यह अभियान सरकारी संस्थानों, गैर-सरकारी संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से चलाया जाता है।
एनएसएस संयोजक डॉ.अनिता बंसल ने मंच संचालन करते हुए बताया कि नशा करने वाले व्यक्ति, स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों, आपराधिक न्याय प्रणालियों और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों पर बोझ है, क्योंकि नशे के परिणामों को कम करने के लिए संसाधनों का उपयोग किया जाता है। इसलिए, समाज के लिए इन सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को कम करने के लिए और नशा का रोकथाम में, शिक्षा और सहायता प्रणालियों को प्राथमिकता देना आवश्यक है।
प्रो. रविकांत सिंह ने बताया कि जागरुकता अभियान और शिक्षा कार्यक्रम भी नशा की लत से जूझ रहे लोगों के प्रति समझ और सहानुभूति बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। सटीक जानकारी प्रदान करके और मिथकों को दूर करके, ये अभियान बाधाओं को तोड़ सकते हैं और अधिक दयालु समाज को बढ़ावा दे सकते हैं। कुल मिलाकर एक व्यापक दृष्टिकोण जो सुलभ उपचार विकल्पों, समुदाय-आधारित कार्यक्रमों और जागरूकता अभियानों को जोड़ता है, नशे की लत को संबोधित करने और जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए एक सहायक वातावरण बनाने के लिए आवश्यक है। डॉ. कल्पना कुलश्रेष्ठ और प्रो. मोहित कुमार दुबे द्वारा निबंध लेखन और प्रश्न मंच प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। जिसमें टीम बी प्रथम स्थान पर, टीम ई द्वितीय स्थान और टीम डी तृतीय स्थान पर रही। इस अवसर पर समस्त महाविद्यालय स्टाफ उपस्थित रहा।