भिण्ड, 19 सितम्बर। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी पवन तिवारी के निर्देशन में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मेहगांव में मिशन वात्सल्य एवं मिशन शक्ति के तहत प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महिला बाल विकास विभाग से बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना, ऑपरेटर नंदिनी खत्री, आउटरीच कार्यकर्ता दीपेन्द्र शर्मा, राष्ट्रीय सेवा योजना से राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त स्वयंसेवक राहुल राजपूत एवं महाविद्यालय की ओर से महाविद्यालय के प्राचार्य, राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी गिरिजा नरवरिया, महाविद्यालय का अन्य शैक्षणिक स्टाफ अंबुजा गुप्ता, वंदना श्रीवास्तव एवं अन्य शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक स्टाफ के साथ महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राएं एवं अन्य सामान्य छात्र भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में बाल अधिकारों के विषय में जानकारी देते हुए बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना ने बताया कि बाल अधिकार हमारे जन्म के पहले से ही शुरू हो जाते हैं, इनमें संरक्षण का अधिकार, विकास का अधिकार शिक्षा का अधिकार सहभागिता का अधिकार और वैकल्पिक देख-रेख का अधिकार शामिल है। इन अधिकारों की पूर्ति के लिए ही किशोर न्याय अधिनियम अस्तित्व में आया। किशोर न्याय अधिनियम के बारे में जानकारी देते हुए अवगत कराया गया कि अधिनियम में दो तरह के बच्चों को संरक्षण दिया जाता है देखरेख और संरक्षण की जरूरतमंद और विधि विरोधी बच्चे। उन्होंने बताया कि किशोर न्याय अधिनियम में बालक को परिभाषित किया गया है और हर व्यक्ति जिसने 18 वर्ष की आयु पूर्ण नहीं की है बालक समझ जाएगा, बालक से तात्पर्य बालक और बालिका दोनों से है। अधिनियम के तहत संचालित जिले में सुविधाओं की जानकारी दी गई जैसे संस्थागत संरक्षण के लिए बाल गृह, शिशु ग्रह संचालित है जहां बालकों का संरक्षण, आवास, चिकित्सा शिक्षा एवं दत्तक ग्रहण के माध्यम से पुनर्वास की कार्रवाई भी की जाती है, प्रशिक्षण के अगले चरण में पोक्सो अधिनियम के तहत जानकारी देते हुए सभी बालिकाओं को पोक्सो इवॉक्स पर ऑनलाइन शिकायत करने का तरीका बताया। चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से भी शिकायत किस तरह की जाती है, इसकी जानकारी दी गई पोक्सो एक्ट के संबंध में सपोर्ट पर्सन, विशेष किशोर पुलिस इकाई की भूमिकाओं की भी जानकारी दी गई और किस तरीके से स्वयं को सुरक्षित रखकर घटनाओं से बचा जा सकता है इसकी सलाह भी दी गई।
कार्यक्रम का अगला चरण मिशन शक्ति के तहत जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वूमेन और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत कार्य स्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा एक नाटक के माध्यम से कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न को दर्शाया गया एवं बचाव के तरीके भी बताए गए।
राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी गिरिजा नरवरिया ने स्पष्ट किया कि बाल अधिकार और महिलाओं से संबंधित विभिन्न कानून की जानकारी अत्यंत आवश्यक है सभी राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक अपने क्षेत्र में अपने विद्यालय में और आयोजित होने वाले समय-समय विभिन्न शिविरों में इनका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करेंगे यही राष्ट्रीय सेवा योजना का उद्देश्य भी है। कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण से संबंधित संपूर्ण प्रशिक्षण किट एवं स्वल्पाहार की व्यवस्था की गई सभी बालिकाओं को चाइल्ड हेल्पलाइन संबंधी स्टीकर पोक्सो पंपलेट बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वूमेन के तहत संपूर्ण सामग्री प्रदाय की गई।