– किसान की जुबानी उसकी सफलता की कहानी
भिण्ड, 23 अगस्त। अपनी दृढ-संकल्प और प्रबल इच्छाशक्ति के बल पर व्यक्ति की हर राह आसान होती है। बस व्यक्ति को एक सही दिशा की आवश्यकता पडती है। यही सही दिशा उद्यानिकी विभाग के माध्यम से कृषक राजीव शर्मा को मिली। जिससे मानो उनके जीवन की दिशा-दशा ही बदल गई।
भिण्ड जिले के ग्राम दबोहा के किसान राजीव शर्मा जैविक खेती के माध्यम से नई पहचान बना रहे हैं। उन्होंने एक एकड भूमि पर लगभग एक लाख रुपए की लागत से जैविक काली और पीली हल्दी की खेती की। करीब 230-240 दिनों में फसल तैयार होती है, जिससे 100 क्विंटल कच्ची हल्दी का उत्पादन होता है। सुखाने पर यह 20 क्विंटल पक्की हल्दी बनती है, जिससे लगभग 4 लाख रुपए की आय प्राप्त होती है। राजीव शर्मा स्वयं अपने काउंटर से हल्दी का विक्रय करते हैं और साथ ही कच्ची हल्दी का अचार बनाकर भी बेचते हैं। उनकी मेहनत और नवाचार ने न केवल उनकी आय में कई गुना वृद्धि की है, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि किस तरह जैविक खेती से लाभ और पहचान दोनों अर्जित किए जा सकते हैं। कृषक राजीव शर्मा ने किसानों को प्रेरक संदेश दिया है कि कृषक हल्दी की फसल उगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।