– अनुपस्थित सहायक पशु चिकित्सा एवं दो भृत्यों का वेतन राजसात करने दिए निर्देश
– कर्मचारियों की अनुपस्थिति, साफ सफाई का अभाव एवं अन्य गंभीर अधिनियमिताओं पर हुई कार्रवाई
भिण्ड, 28 मई। एसडीएम विजय सिंह यादव मंगलवार को पशु चिकित्सालय लहार का औचक निरीक्षण करने पहुंचे। जहां अव्यवस्थाओं का आलम कुछ इस कदर था कि चिकित्सालय कक्ष में शासन द्वारा लाखों रुपए की दी जाने वाली दवाएं बिखरी हुई पाई गईं, जिन्हें तीन दिवस में व्यवस्थित करने के निर्देश दिए।
पशु चिकित्सालय परिसर में पशुओं को दी जाने वाली सिरिंज लगाने के बाद परिसर में ही पडी हुई थी, जिसे देखकर एसडीएम गंभीर रूप से नाराज हुए, आगे से ऐसी लापरवाही ना हो इसके सख्त निर्देश डॉक्टर शर्मा को एसडीएम ने दिए।
चिकित्सालय के कर्मचारियों की देखने को मिली मनमानी, बिना सूचना के थे अनुपस्थित
जब एसडीएम ने उपस्थिति पंजी मंगाई तो उसमें वहां पदस्थ भृत्य अंकित कुशवाहा एक से 22 मई तक अनुपस्थित पाया गया। जिसकी सही तरीके से रजिस्टर में अनुपस्थित भी नहीं लगाई गई थी, वहीं दूसरा भृत्य प्रमोद दोहरे भी बीमारी का बहाना बनाकर पिछले चार दिनों से गायब था, जिसका ना ही कोई चिकित्सीय आवेदन कार्यालय को प्राप्त हुआ था, वहीं सहायक वेटरिनरी ऑफीसर प्रवीण गुप्ता पिछले चार दिनों से गायब था। एसडीएम ने उक्त ऑफीसर की जब फोन पर जानकारी ली तो वह घर पर पाया गया। उक्त सभी कर्मचारियों की एसडीम ने हाजिरी रजिस्टर में अनुपस्थित लगाते हुए मई माह का अनुपस्थित दिवसों का वेतन राजसात करने के निर्देश डॉ. शर्मा को दिए।
जानवरों का इलाज करने आए लोगों से एसडीएम ने की बात
इसके बाद एसडीएम लहार ने चिकित्सालय कक्षों का निरीक्षण किया, जहां गंभीर रूप से फाइले, पुराने कागज इत्यादि की गंदगी पडी हुई थी, जिन्हें व्यवस्थित वस्तो में बांधकर रखवाने के निर्देश दिए दो-दो भृत्यों की पदस्थापना होने के बाद भी गंदगी का आलम चरम पर था। एसडीएम विजय यादव ने वहां पर आए ग्रामीण नागरिकों से बात की एवं पशुओं को दी जाने वाली चिकित्सा एवं लाभ के बारे में बताया। साथ ही एसडीएम ने आमजनों की जागरूकता के लिए बताया कि किसी भी कृषक या अन्य पशु पालक के यहां यदि कोई पशु बीमार होता है तो वह 1962 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर सकता हैं, जिससे पशु एंबुलेंस उसके घर पहुंच कर मात्र डेढ सौ रुपए की फीस पर उनके पशुओं का संपूर्ण इलाज करेगी।
एसडीएम ने बताया कि यह शासन की बहुत ही महत्वपूर्ण नागरिक सुविधा है, इसके बारे में नागरिकों को जानकारी होना आवश्यक है, ताकि जिन पशुपालकों का जीवन यापन पशुओं पर निर्भर है वह उसे और बेहतर कर सकें। उक्त सुविधा योजना 1962 हेल्पलाइन से संबंधित बैनर लगाने के निर्देश भी एसडीएम ने पशु चिकित्सक डॉ. शर्मा को दिए।