– मप्र के प्राचीन स्मारकों का दिखा वैभवशाली इतिहास
ग्वालियर, 19 अप्रैल। विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर ग्वालियर में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों और आमजन को पुरातात्विक महत्व की ऐतिहासिक विरासत के प्रति जागरूक करना था। इस अवसर पर हैरीटेज वॉक और मप्र के प्राचीन स्मारक विषय पर छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।
यह ऐतिहासिक हैरीटेज वॉक वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि से शुरू हुई, जिसे जिला पंचायत अध्यक्ष दुर्गेश कुंवर सिंह जाटव ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। वॉक का समापन मोतीमहल में हुआ, जहां पर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।
मप्र के प्राचीन स्मारक विषय पर छायाचित्र प्रदर्शनी
मोती महल में लगी इस शानदार छायाचित्र प्रदर्शनी का उदघाटन भी जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा किया गया। इस प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों ने प्रदेश के गौरवशाली अतीत को जाना और प्राचीन स्मारकों की अदभुत विरासत को करीब से देखा। यह ऐतिहासिक हैरीटेज वॉक वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि से शुरू हुई, जिसे जिला पंचायत अध्यक्ष दुर्गेश कुंवर सिंह जाटव ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। वॉक का समापन मोतीमहल में हुआ, जहां पर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। यह ऐतिहासिक हैरीटेज वॉक वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधि से शुरू हुई, जिसे जिला पंचायत अध्यक्ष दुर्गेश कुंवर सिंह जाटव ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। वॉक का समापन मोतीमहल में हुआ, जहां पर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।
पुरातात्विक धरोहर को सहेजने का संदेश
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं और आम नागरिकों को पुरातात्विक धरोहर को सहेजने, उसका सदुपयोग करने, और प्राचीन परंपराओं के अनुसार विरासत को सुरक्षित रखने का संदेश दिया गया। यह प्रदर्शनी आमजन के लिए सात दिनों तक नि:शुल्क खुली रहेगी।
विशेषज्ञों और अधिकारियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में पुरातत्व अभिलेखागार के उप संचालक पीसी महोबिया, पुरातत्व विशेषज्ञ डॉ. मनोज अवस्थी, डॉ. योगेश यादव, ओमप्रकाश दीक्षित सहित अनेक पुरातत्व प्रेमी और संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। मप्र की ऐतिहासिक धरोहरें और प्राचीन स्मारक ना केवल हमारी सांस्कृतिक पहचान हैं बल्कि भावी पीढिय़ों के लिए ज्ञान और प्रेरणा के स्त्रोत भी हैं। इस तरह के आयोजनों के माध्यम से लोगों में संरक्षण की भावना जागृत होती है और सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखने का प्रयास मजबूत होता है।