एकलव्य की शौर्य गाथा से समाज में समरसता आयेगी : जगदीश तोमर

ग्वालियर 22दिसम्बर:- ख्याति प्राप्त कवि रामलखन शर्मा ‘अंकितʼ के महाकाव्य एकलव्य की शौर्य गाथा का लोकार्पण करते हुये सुप्रसिद्ध शिक्षाविद साहित्यकार और प्रेमचंद सृजन पीठ के पूर्व अध्यक्ष जगदीश तोमर ने कहा कि विषय चयन से कवि की प्रासंगिक और दूरगामी सोच का पता चलता है ! कार्यक्रम दिल्ली पब्लिक एकेडमी दीनदयाल नगर में भगवत साहित्य परिवार और रमन शिक्षा समिति के सहयोग से संपन्न हुआ। इस अवसर पर कवि रामलखन शर्मा ‘अंकितʼ की दो ओर कृतियों पाले बदलना छोड़ दे और मुक्तावली का भी लोकार्पण हुआ। मुख्य अतिथि श्री श्री 1008 महंत संतोषानंद जी हनुमंतगढी ग्वालियर तथा अध्यक्षता डॉ . केशव पांडे जी ने की, विशिष्ट अतिथि एडीशनल एस.पी. निरंजन शर्मा तथा सारस्वत अतिथि डॉ. राजरानी शर्मा रहीं। कृतियों की विस्तार से समीक्षा डॉ लोकेश तिवारी, श्री अनंगपाल भदौरिया, गीतकार रौशन मनीष, लावा ने की कार्यक्रम में शहर के गणमान्य साहित्यकार उपस्थित रहे।

रामलखन शर्मा जी ने गीत , ग़ज़ल, काव्य संग्रह और लक्षण ग्रंथों का सृजन किया है। छंद बद्ध रचना में रामलखन जी सिद्ध हस्त हैं। सामाजिक सरोकारों, राष्ट्रीय स्वाभिमान, जीवन मूल्य और मानवतावाद के साथ जीवन में समरसता और उच्चतम मानव मूल्यों का संचार करना तथा सहज सरल रहकर छंदानुशासन का पालन करते हुये काव्य परंपरा को अक्षुण्ण रखना कवि का प्रधान लक्ष्य है। जीवन और जमीन से जुड़ी आत्मीय रचनाओं की सभी ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की कार्यक्रम अत्यंत रोचक अनुशासित और गरिमापूर्ण रहा। कार्यक्रम का सफल संचालन घनश्याम भारती ने तथा सभी का आभार किंकर पाल सिंह ने व्यक्त किया।