– राकेश अचल
कर्ज में गले-गले तक डूबी मध्य प्रदेश में धन की कोई कमी नहीं है। मप्र की सरकार निवेश के लिए विदेशों के चक्कर काट रही है, जबकि मप्र में चौतरफा पैसा बिखरा पडा है। यहां तक कि मप्र में परिवहन विभाग के सिपाही तक करोडपति है। मप्र की राजधानी भोपाल में आयकर विभाग को एक लावारिस कार से 52 किलो सोना और भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ। कार रातीबड क्षेत्र के मेंडोरी के जंगल में लावारिस हालत में मिली है। पुलिस और इनकम टैक्स यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कार में पैसे और सोना कौन छोड गया? सोने की कीमत करीब 42 करोड बताई जा रही है, जबकि 10 करोड रुपए कैश भी जब्त किया गया है। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच पडताल की जा रही है।
भोपाल में आयकर विभाग की टीम ने त्रिशूल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक राजेश शर्मा के ठिकानों पर बुधवार सुबह छापमारी की। शर्मा का नाम प्रदेश के एक पूर्व मंत्री और पूर्व मुख्य सचिव से जुडा है। आईटी की टीम ने भोपाल में 49, इंदौर में दो और ग्वालियर में एक जगह सर्च की। आयकर विभाग को राजेश शर्मा के 10 लॉकर्स की जानकारी मिली है, जिनमें भारी मात्रा में ज्वेलरी और अन्य मूल्यवान सामग्री पाई गई है। विभाग ने ज्वेलरी की वैल्यूएशन अभी तक नहीं की है।
इसके अलावा टीम ने दस्तावेज, कंप्यूटर डेटा, मोबाइल फोन और हार्ड डिस्क भी जब्त किए हैं। भोपाल के विभिन्न इलाकों जैसे नीलबड, एमपी नगर, कस्तूरबा नगर, होशंगाबाद रोड और 10 नंबर मार्केट में छापेमारी जारी है। इंदौर में त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के आदित्य गर्ग और ग्वालियर में रामवीर सिकरवार के ठिकानों पर भी छापे मारे गए। सिकरवार के पास पांच एकड जमीन खरीदने के दस्तावेज भी मिले हैं। इससे पहले उनके खिलाफ ईडी भी कार्रवाई कर चुका है। मप्र अभी तक ईडी के निशाने पर नहीं आया है। यहां किसी भी दल के नेता को अभी ईडी खोज नहीं पायी है।
मप्र भले ही आर्थिक रूप से पिछडा राज्य हो, लेकिन यहां के नेता ही नहीं बल्कि सिपाही तक करोडपति हैं। पिछले दिनों मप्र की राजधानी भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के घर करोडों रुपए नकद मिले हैं, जिसे देख अधिकारी भी दंग रह गए। दरअसल, लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ शर्मा के दो ठिकानों पर छापा मारा, इस दौरान उनके घर से 4 करोड रुपए नकद मिले। वहीं छापेमारी के दौरान 50 लाख के सोने-हीरे, 60 किलों चांदी भी मिले हैं। सौरभ शर्मा के दो ठिकानों से टीम को 4 करोड रुपए नकद, 60 किलो चांदी, 50 लाख के सोने-हीरे के जेवर, 4 एसयूवी, 22 प्रॉपर्टी के दस्तावेज और नोट गिनने की सात मशीनें भी मिली हैं। अब आप कल्पना कीजिए कि यदि परिवहन मंत्री के घर छापा मारा जाए तो कितना माल मिल सकता है?
मप्र में एक लम्बे आरसे तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान की पत्नी के बारे में ये खबरें चला करती थीं कि उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में नोट गिनने की मशीनें लगा रखी हैं, तब लोग हंसते थे, लेकिन एक पूर्व सिपाही के घर इन मशीनों का मिलना ये संकेत देता है कि मुख्यमंत्री आवास में इन मशीनों के होने की खबरें भी निराधार नहीं थीं। लेकिन कोई ईडी, कोई सीबीआई, कोई लोकायुक्त मुख्यमंत्री निवास तक पहुंचने का साहस नहीं दिखा सका। गरीब मप्र में शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमण्डल के एक मंत्री के बच्चे के स्कूली बस्ते से नोट टपक पडे थे, बाद में इस मामले को रफा-दफा कर दिया गया।
मप्र में सरकारी राजस्व की चोरी की वजह से ही सरकार गले-गले तक कर्ज में डूबी है। अब प्रदेश सरकार अब तक का सर्वाधिक कर्ज लेने की तैयारी में है। यह कर्ज 88 हजार 540 करोड रुपए का होगा। मप्र सरकार 73 हजार 540 करोड रुपए बाजार से और 15 हजार करोड रुपए केन्द्र सरकार से कर्ज लेगी। आपको बता दें कि मप्र सरकार द्वारा लिया जाने वाला यह कर्ज पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के मुकाबले 38 प्रतिशत ज्यादा है।
गौरतलब है कि साल 2023-24 में मप्र सरकार ने 55 हजार 708 रुपए का कर्ज लिया था। हालांकि सरकार निंश्चित हैं, ज्यादा कर्ज लेने से उसे कोई फर्क नहीं पडेगा, उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवडा कहते हैं कि सब कुछ नियम के अनुसार ही लिया जा रहा है। उनका कहना है कि सरकार विकास के लिए कर्ज लेती भी है और समय पर उसका भुगतान भी करती है।
मप्र में परिवहन, आबकारी और खनिज विभाग अवैध कमाई के सबसे बडे स्त्रोत हैं। इन महकमों में नौकरी करने वाले चपरासी तक करोडपति हैं। इन तीन विभागों के बाद राजस्व विभाग का नंबर आता है। राजस्व महकमें में पटवारियों की हैसियत किसी भी उद्योगपति से कम नहीं है। पिछले दिनों इंदौर संभाग के तीन पटवारियों को कदाचरण के आरोप में निलंबित किया गया तो पूरे प्रदेश के पटवारी हडताल पर चले गए थे। इसी मप्र में एक प्रमुख सचिव के आवास से छापे में 300 करोड रुपए की जब्ती का मामला आपको याद होगा। सिंचाई विभाग के इस महाघोटाले के आरोपी आईएएस दंपत्ति का निधन हो चुका है। यानि यदि सरकार अपने प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ ही मुहीम चला ले तो उसे कर्ज से निजात मिल सकती है।