भिण्ड, 20 अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपनी संघ यात्रा के 99 वर्ष पूर्ण करके 100 वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। 99 वर्ष पूर्व जिस विचार के बीज को रोपा गया था वह आज विशाल वट वृक्ष के रूप में देश के प्रत्येक कोने तक पहुंच चुका है। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा गोहद नगर में घोष के साथ पथ संचलन का निकाला गया। इस दौरान घोष की रचनाओं के साथ पूर्ण गणवेश में कदम से कदम मिलाते हुए संघ के स्वयंसेवकों ने शहर के प्रमुख मार्गों बस स्टेण्ड से अटल चौक से होते हुए गंज बाजार, बडा बाजार से सती बाजार श्याम वाटिका में समापन किया गया। नगर के गली मोहल्लों व बस्तियों से संचलन पर प्रबुद्ध नागरिकों, माताओं, बहनों व व्यापारियों द्वारा भी संघ के स्वयं सेवकों का पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर रामभूषण दास महाराज खनेता धाम ने की। मुख्य वक्ता के रूप में महेन्द्र शर्मा एवं खण्ड संघचालक डॉ. दिलीप सिंह भदौरिया एवं नगर संघ संचालक उपस्थित रहे। इस अवसर पर महंत रामभूषण दास महाराज ने शस्त्र पूजन एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम शुभारंभ किया। तत्पश्चात स्वयंसेवकों को आशीष वचन प्रदान किया। उन्होंने सनातन संस्कृति पर जोर देते हुए कहा कि भारत भूमि अवतारों की भूमि है, पुण्य भूमि है तथा देवो की भूमि है, जब जब सनातन संस्कृति पर आपत्ति विपत्ति आती है तब तब संघ के स्वयंसेवक समाज के बीच खडे रहते है।
मुख्य वक्ता विभाग संघचालक महेन्द्र शर्मा ने कहा कि भारत को विश्व मंच पर टिके रहने है तो हमे संपूर्ण हिन्दू समाज को संगठित एवं शक्ति शाली बनाना होगा, संगठन का महत्व एवं पंच परिवर्तन विशेष जोर दिया। प्रथम कुटुंब प्रबोधन जिसमें परिवार की एकता, सामूहिकता, दूसरा पर्यावरण जो पृथ्वी के महती आवश्यकता है, तीसरा स्वदेशी को अपना अपने देश में बनने वाली वस्तुओं को ही प्राथमिकता दें, चतुर्थ नागरिक कर्तव्य जिसमे हमें अपनी नागरिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए बिजली, जल, स्वच्छता जैसी छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान दें और पांचवा समरसता जो कि संघ का मूल मंत्र है। देश के प्रत्येक नागरिक को अपना बंधु मानना होगा। कोई भेद, भाव, जाति, प्रथा नहीं हो, सभी समरस बने।