कलेक्टर की किसानों को सुगमता से अपनी रकबे के अनुसार खाद वितरण को पारदर्शी बनाने के लिए की एक नई पहल

– उर्वरक विक्रेता के पास कितनी खाद है उसकी स्टॉक की जानकारी विक्रेता के मोबाइल नंबर सहित प्रकाशन के उप संचालक कृषि को दिए निर्देश

भिण्ड, 03 सितम्बर। कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने भिण्ड जिले में नई पहल करते हुए शासन की मंशा अनुसार किसान भाईयों को सुगमता से उर्वरक बिना किसी कठिनाई के उचित दाम पर उपलब्ध हो सके इसके लिए जिले की स्टॉक की जानकारी सार्वजनिक करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही रैक प्वाइंट से किस उर्वरक कंपनी की उर्वरक किस विक्रेता को प्राप्त हुई है, उसकी जानकारी उप संचालक कृषि को कंपनी वितरण पूर्व उपलब्ध कराए जिले के प्रत्येक क्षेत्र में उचित दाम पर उर्वरक किसानों को वितरण हो सके इसके लिए एक अनूठी पहल है, इससे परदर्शिता के साथ किसानों को उर्वरक उपलब्ध हो सकेगा।
रबी सीजन में भिण्ड में सरसों का रकबा अधिक है (लगभग दो लाख हेक्टयर) इसकी तैयारी किसान भाई सितंबर अंतिम सप्ताह से खाद की व्यवस्था हेतु करते हैं। जिले में शासकीय नगद विक्रय केन्द्र खोले गए हैं जो किसान सहकारी समितियों में पंजीकृत नहीं हैं उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था नगद विक्रय केन्द्रों से होगा। जिले में 168 सहकारी समितियां हैं उनमें सहकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि समिति बार किसानों की संख्या और उनको समिति में कितनी खाद की आवश्यकता है अपनी मांग प्रेषित कर दें, जिससे शासन की योजना अनुसार किसानों को उधार खाद बिना ब्याज के प्राथमिकता पर उपलब्ध कराया जा सके और उपयुक्त सहकारिता तथा कृषि विभाग के उर्वरक निरीक्षक उन किसानों का सत्यापन करेंगे कि उनकी लिमिट के आधार पर उनको खाद प्राप्त हुआ है या नहीं।
उर्वरक वितरण पॉस मशीन से ही वितरण किया जाना सुनिश्चित कराए बिना पॉस के वितरण पूर्णत: अवैध माना जाएगा। प्रत्येक समिति उर्वरक वितरण किसान बार अपनी समिति पर पंजीबद्ध करेंगे औचक निरीक्षण में यथा समय मांगे जाने पर जानकारी प्रदाय करेंगे, यदि इसमें किसी प्रकार की त्रुटि या अनियमितता पाई जाएगी संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्रवाई संबंधित उर्वरक निरीक्षक करना सुनिश्चित करें। प्रत्येक उर्वरक निरीक्षक अपने क्षेत्र में उर्वरक वितरण उचित दाम पर निर्धारित प्रक्रिया अनुसार कराने हेतु जवाब देह होंगे। यदि किसी के क्षेत्र में नियम विरुद्ध उर्वरक वितरण में अनियमितता पाई जाती है उस उर्वरक निरीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। निजी उर्वरक विक्रेताओं के लिए निर्देश दिए हैं कि जिले के सभी क्षेत्रों में थोक विक्रेता फुटकर विक्रेताओं को उर्वरक का वितरण करें उर्वरक वितरण रैक से प्राप्त होने पर सूचना उर्वरक निरीक्षक और उप संचालक को प्रदाय करें, शासकीय कर्मचारियों की ड्यूटी लगाकर वितरण कराएं।
उप संचालक कृषि रामसुजान शर्मा ने बताया कि रबी सीजन में किसान भाई सरसों के लिए खाद जिसमें सल्फर 13 प्रतिशत है सबसे उपयुक्त है, जिसका उपयोग इेंंस डोज के रूप में किया जाता है का उठाव सितंबर में करते हैं। जिले के लिए सितंबर और अक्टूबर माह में यूरिया 30 हजार एमटी, एनपीके 12,:32,:16-18 हजार एमटी, 20,:20,:0,13-12 हजार एमटी, डीएपी 10 हजार एमटी की मांग भेजी है। डीएपी खाद दलहनी फसलों के लिए सरसों के लिए छचा गेहूं और अन्य दाने वाली फसलों के लिए उपयुक्त खाद है। टॉप ड्रेसिंग के रूप में उपयोग करने के लिए पांच बैग यूरिया बैग के साथ एक बोतल नैनो यूरिया अनिवार्य है, जिसका वितरण सहकारी समिति शासकीय नगद विक्रय केन्द्रों पर और निजी विक्रेताओं के यहां से करें। उर्वरकों की कीमत यूरिया 266.50 रुपए, डीएपी 1350 रुपए, 20,:20,:0,:13 1200 रुपए, एनपीके 12,:32,:16 1470 रुपए, एनपीके, 16,:16,ङ16 1250 रुपए है। सभी किसान उर्वरक खरीदने के समय रसीद की मांग जरूर करें, प्रदाय न करने पर एसएडीओ को सूचित करें, किसी भी अनियमित वितरण पर एसएडीओ या उप संचालक कृषि से शिकायत करें, आपकी जानकारी गोपनीय रखी जाएगी तथा संबंधित के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। उर्वरक के वितरण हेतु कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने अपर कलेक्टर लक्ष्मीकांत पाण्डेय को समीक्षा हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त किया है, जो संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर प्रत्येक सप्ताह इनकी समीक्षा कर कार्रवाई करेंगे।