नवांकुर और मेंटर्स मिलकर लिखें विकास की इबारत : सिसोदिया

नवांकुर समितियों और परामर्श दाताओं की समीक्षा बैठक आयोजित

भिण्ड, 02 जनवरी। मप्र जन अभियान परिषद के अंतर्गत पंजीकृत चयनित नवांकुर संस्थान और बीएसडब्ल्यू, एमएसडब्ल्यू के छात्रों को मार्गदर्शन दे रहे परामर्शदाता मिलकर अब विकास की एक नई इबारत लिखें, जिसमें समग्र विकास की बात प्रतिपादित होती हो। यह बात मप्र जन अभियान परिषद के चंबल संभाग के संभाग समन्वयक धर्मेन्द्र सिसोदिया ने कही। वे भिण्ड जिले में संवाद योजना अंतर्गत नवांकुर संस्थाओं की एक दिवसीय समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। जिला पंचायत सभागार में आयोजित बैठक में विकास खण्ड समन्वयक बृजेन्द्र शर्मा, जयप्रकाश शर्मा, सहित नवांकुर संस्थाओं के प्रतिनिधि और जिलेभर के परामर्शदाता मौजूद थे। बैठक का संचालन लहर विकास खण्ड समन्वय सुनील कुमार चतुर्वेदी एवं आभार प्रदर्शन जिला समन्वयक शिवप्रताप सिंह भदौरिया ने किया।
संभाग समन्वयक धर्मेन्द्र सिसोदिया ने कहा कि आने वाला समय ग्राम और शहर में विकास की नई अवधारणा को तैयार करने का है, हमारा सभी संस्थाओं से अनुरोध है कि वह समग्र विकास की अवधारणा के साथ काम करें। इस दौरान उन्होंने विकास खण्ड बार विस्तृत समीक्षा भी की और कार्य न करने वाली संस्थाओं पर यथोचित कार्रवाई करने के निर्देश भी संबंधित विकास खण्ड समन्वयक और जिला समन्वय को दिए। उन्होंने कोर्स को संचालित कर रहे परामर्शदाताओं की भी समीक्षा की इसके अलावा सभी नवांकुर संस्थाओं के फर्म सोसाइटी में रजिस्ट्रेशन हेतु एवं उससे संबंधित कार्य की प्रगति जानी। सभी नवांकुर संस्थाओं को अनुबंध अनुरूप कार्य करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने सभी संस्थाओं से सेक्टर बैठक का आयोजन एवं सप्ताहिक ग्राम विकास प्रस्तुत समितियां का आयोजन अनिवार्य रूप से करने को कहा।

उन्होंने कहा कि प्रस्फुटन समितियां के नेटवर्क को मजबूत करना संस्था का महत्वपूर्ण कार्य है। संस्थाएं अपने सेक्टर की बैठक भ्रमण आदि नियमित करें। परामर्शदाताओं को किस प्रकार से समस्त कक्षाओं का संचालन करना है। छात्रों की कैसे प्रोफाइल अपडेट करनी है। कैसे एलिजिबिलिटी को पूर्ण करना है तथा पोर्टल पर दिए गए समस्त लक्ष्यों को प्राप्त करना है, इस पर भी विस्तृत चर्चा उन्होंने परामर्शदाताओं से की और उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक और विकास खण्ड समन्वयकों को निर्देशित किया कि वह समय-समय पर उक्त कार्यों की समीक्षा कर संभाग को सूचित करें, जिससे कि लक्ष्य प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो।