नाबालिगा के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को सात वर्ष का कारावास

सागर, 21 दिसम्बर। तृतीय अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला सागर नीलम शुक्ला की अदालत नेे नाबालिगा के साथ जबरन दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त गजेन्द्र सिंह को धारा 376(1) भादंवि के तहत सात वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 450 भादंवि में सात वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 506(भाग-2) भादंवि में पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड, धारा 354, 457 भादंवि में तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 500-500 रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 354घ भादंवि में एक वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय ने बालिका के पुर्नवास के लिए क्षतिपूर्ति हेतु युक्तियुक्त प्रतिकर चार लाख रुपए दिलाए जाने का आदेश भी पारित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडिता) ने थाना सुरखी में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि 31 मई 2017 को दोपहर करीब एक बजे उसके माता-पिता एवं घर के अन्य लोग मन्दिर गए थे, वह घर पर अकेली थी, तब अभियुक्त गजेन्द्र चाकू लेकर उसके घर के अंदर घुस आया, उसने अभियुक्त से कहा कि घर के सभी लोग बाहर गए हैं, इसलिए जब उसके पिता आएं तब वह आए, लेकिन अभियुक्त नहीं गया और उसने अभियोक्त्री के साथ जबरदस्ती गलत काम किया। अभियोक्त्री ने घटना के संबंध में माता-पिता को बताने का कहने पर अभियुक्त ने उसके माता-पिता को जान से मारने की धमकी दी, तब उसने डर के कारण किसी को कुछ नहीं बताया। वर्ष 2017 से लगातार अभियुक्त गजेन्द्र उसे परेशान करता रहा, जब भी वह घर वालों को बताने का कहती है तो वह उसे बदनाम करने की धमकी देता था, उसने बदनामी के डर से घर में किसी को कुछ नहीं बताया। पांच नवंबर 2021 को रात करीब आठ बजे अभियुक्त गजेन्द्र उसके घर के अंदर घुस आया और वह गंदी नियत से उसका हाथ पकडकर उसके साथ छेडखानी कर बात करते रहने तथा बात न करने पर बदनाम करने की धमकी देने लगा। वह चिल्लाई तो अभियुक्त गजेन्द्र उसके घर से भाग गया। उसने अपने पिता के आने पर पूरी घटना उन्हें व चाचा को बताई, फिर आठ नवंबर को उसने पिता एवं चाचा के साथ थाना जाकर घटना की रिपोर्ट लेख कराई। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सुरखी पुलिस ने धारा 450, 376, 384, 458, 354, 354(घ), 506 भादंसं का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।