भोपाल, 13 अक्टूबर। 14वे अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट) श्रीमती तृप्ती पाण्डेय की अदालत ने नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म करने वाले आरोपी करण यादव को दोष सिद्ध पाते हुए धारा 376(2)एन, 376(3) भादंवि एवं 5एल/6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10 हजार रुपए जुर्माना, धारा 366, 363 भादंवि में सात वर्ष सश्रम कारावास व पांच हजार रुपए अर्थदण्ड का निर्णय पारित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक टीपी गौतम, श्रीमती गुंजन गुप्ता, श्रीमती सरला कहार ने की।
संभागीय जनसंपर्क अधिकारी भोपाल मनोज त्रिपाठी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि छह मई 2022 को फरियादिया की मां ने थाना कोतवाली में उपस्थित होकर सूचना दी कि परिवार के सभी लोग रात्रि लगभग दो बजे सो गए थे, सुबह करीब आठ बजे उठकर देखा तो मेरी नाबालिग पुत्री दिखाई नहीं दी। आस-पास तलाश की तथा पडोसी और रिश्तेदारों के यहां पता किया किंतु कहीं नही मिल रही है। कोई अज्ञात व्यक्ति मेरी नाबालिक पुत्री को बहला फुसलाकर कहीं ले गया है। पुलिस ने गुम इंसान क्र.07/22 दर्ज कर तलाश की और नाबालिग लडकी एवं आरोपी करण यादव को अशोका गार्डन भोपाल से दस्तयाब किया। दस्तयाबी के दौरान पीडिता ने बताया कि वर्ष 2021 में आरोपी करण यादव से मेरी दोस्ती फेसबुक के माध्यम से हुई और बातचीत होने लगी और मैसेंजर पर हमारी बातचीत आगे बढी। धीरे-धीरे समय बीतता गया और हम एक-दूसरे को पंसद करने लगे और करण ने मुझे मिलने के लिए बुलाया। छह मई 2022 को सुबह लगभग 6:30 बजे आरोपी करण यादव मुझे मेरे घर से गाडी में बिठा कर कमला पार्क लेकर आया। घूमने फिरने के बाद आरोपी करण मुझे अपने दीदी के घर अशोका गार्डन लेकर आया और रात को 12 बजे से एक बजे के बीच करण ने मेरे साथ मेरी मर्जी के विरुद्ध जबरदस्ती कर शारीरिक संबंध बनाए। मैं चिल्लाई तभी आरोपी करण ने मेरे मुंह पर हाथ रख दिखा और रात में दो-तीन बार मेरे साथ गलत काम किया। मैं वहां से भाग जाना चाहती थी, पर घर का रास्ता पता नहीं होने के कारण वहीं रुक गई। मेरे मोबाईल की सिम तोड कर आरोपी करण ने मेरे मोबाईल में अपनी सिम डाली दी और लोकेशन पता चलने के बाद पुलिस आ गई। नौ मई 2022 को सारी बात अपनी माता-पिता को बताई। उक्त घटना की सूचना के आधार पर थाना कोतवाली पुलिस ने अपराध क्र.122/22 धारा 376, 376(एन), 376(2) भादंवि एवं 5एल/6 पॉक्सो एक्ट के तहत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। पुलिस ने विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायालय ने अभियोजन के साक्ष्य, तर्कों एवं दस्तावेजों से सहमत होकर आरोपी करण यादव को दोषी पाते हुए उपरोक्तानुसार दण्डित करने का निर्णय पारित किया है।