बौरेश्वर मन्दिर पर लगे बोर्ड से गुर्जर शब्द क्षत-विक्षत करने वाले आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कराने सौंपा ज्ञापन
भिण्ड, 26 अगस्त। गुर्जर समाज द्वारा शुक्रवार को गल्लामण्डी परिसर मेहगांव में गुर्जर महापंचायतका आयोजन किया गया। जिसमें विधायक सरधना मेरठ अतुल प्रधान, राष्ट्रीय अध्यक्ष बीर गुर्जर सेना सहारनपुर उप्र सोनू गुर्जर, आकाश गुर्जर मेरठ, गुर्जर स्वाभिमान समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र भाटी गुर्जर नोयडा, अखिल भारतीय गुर्जर महासभा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गिर्राज सिंह गुर्जर, गायक कलाकार ज्ञानेन्द्र सिराधना गुर्जर, भूपेन्द्र सिंह गुर्जर टीकरी, नगर परिषद मालनपुर के पार्षद अनिल सिंह गुर्जर, यादव महासभा उप्र के प्रदेश अध्यक्ष रुपेश यादव, बसपा से डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह कार्यक्रम में मंचासीन रहे।
महापंचायत में हुए निर्णय के पश्चात कार्यक्रम आयोजक भूपेन्द्र सिंह गुर्जर के नेतृत्व में बौरेश्वर महादेव मन्दिर पर स्थित पुरातत्व विभाग के बोर्ड पर गुर्जर-प्रतिहार कालीन ऐतिहासिक बोर्ड को पुन: लगाने एवं बोर्ड पर अंकित गुर्जर शब्द का क्षत-विक्षत करने वाले संतोष भदौरिया व उसके अन्य साथियों पर मुकद्दमा कायम कराने के लिए एसडीएम मेहगांव को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि गुर्जर समाज के अस्मिता के प्रतीक गुर्जर-प्रतिहार कालीन निर्मित पुरासंपदा एवं पुरातत्व विभाग के अधीन भिण्ड जिले की अटेर तहसील के दुल्हागन पंचायत के अंतर्गत प्राचीन ऐतिहासिक महादेव मन्दिर बौरेश्वर परिसर में एक लिखित बोर्ड पुरातत्व विभाग द्वारा लगाया गया है, उस पर हिन्दी में वर्णित ऐतिहासिक जानकारी पर्यटकों के लिए समय कालखण्ड लिखा था, उस समय गुर्जर प्रतिहार काल था, बोर्ड पर पुरातत्व विभाग द्वारा आयुक्त अभिलेखागार एवं संग्रहालय मप्र भोपाल के निर्देशानुसार लिखा बोर्ड लगाया था किन्तु उस बोर्ड पर अंकित गुर्जर प्रतिहार से गुर्जर शब्द को करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष एवं उसके तीन अन्य साथियों द्वारा दो अगस्त 2023 को हटाया गया। जिसका वीडियो एवं जगह वायरल हो रहा है। जिससे गुर्जर समाज में आक्रोश व्याप्त है। इसलिए समस्त गुर्जर समाज का ग्वालियर चंबल संभाग ने ऐसे असामाजिक तत्वों पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है। गुर्जर समाज ने आठ अगस्त को भिण्ड कलेक्टर को ज्ञापन देकर अवगत कराया तो प्रशासन द्वारा निर्देशित कर तत्काल पुरातत्व विभाग द्वारा शाम को बोर्ड पर गुर्जर शब्द अंकित कर दिया। परंतु जिला करणी सेना के संतोष भदौरिया द्वारा पुन: सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया कि ठाकुरों की नाक का सवाल है, गुर्जर शब्द बोर्ड पर नहीं रहने देंगे और सजातीय बंधुओं को सोशल मीडिया के माध्यम से भडकाया। जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय प्रशासन पर दबाव बनाया, सजातीय नेताओं एवं मंत्रियों के फोर्स से प्रशासन ने पुरातत्व अधिकारी/ कर्मचारियों को निर्देशित कर बोर्ड उखाड दिया। इस कृत्य से गुर्जर समुदाय में रोष व्याप्त है। इसलिए सक्षम अधिकारियों से निवेदन है कि ऐतिहासिक विरासत एवं पुरातत्व विभाग द्वारा पुन ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पुरासंपदा विरासत की धरोहर का प्रतीक गुर्जर प्रतिहार डायनेस्टी पर आधारित देश में पुरासंपदा को अक्षुण्य रखने एवं संकरण संबर्धन रखते हुए गुर्जर प्रतिहार शब्द बोर्ड लगाकर पुन: अंकित किया जाए, करणी सेना के यूथ विंग प्रदेश अध्यक्ष संतोष सिंह भदौरिया एवं उसके अन्य साथियों पर संरक्षित स्मारक से गुर्जर शब्द हटाने पर एफआईआर दर्ज की जाए।
गुर्जर प्रतिहार वंश गुर्जर क्षत्रिय समाज के विभिन्न राजवंशी में अग्रणी रहा है एवं गुर्जर प्रतिहार सामाज्य काल देश के विभिन्न क्षेत्रों में अनेकानेक मन्दिरों का निर्माण हुआ है। गुर्जर-प्रतिहों के गर्जर क्षत्रिय समाज से होने के सैकडों उपलब्ध प्रमाणों में कदवाहा अभिलेख, राजारगढ अभिलेख, तिग अभिलेख आदि उल्लेखनीय है। राजौरगढ अभिलेख, कदवाहा अभिलेख, राष्ट्रकूट राजा इंद्रराज तृतीय की बाट, अमोघवर्ष के नीलगुड अभिलेख, राजा जयभट्ट के नागपत्र अभिलेख ए खजुराहो के शिलालेख के संबंधित अंशों की छायाप्रतियां सलग्न हैं। जबकि प्रतिहारों के राजपूत होने का एक भी तो तत्कालीन साहित्य में उपलब्ध है और ना किसी पुरातात्विक शिलालेख या नाम पत्र लेख में उपलब्ध है और ना ही किसी यात्री की यात्रा विवरण में प्राप्त होता है।