– राकेश अचल
रोज नया घोटाला बेटा
किंतु नहीं मुंह काला बेटा
लाखों की उम्मीदें टूटी
पड़ा सभी पर पाला बेटा
अंग-भंग कर दिया गंग का
बहता गंदा नाला बेटा
घोटालों के पीछे सब हैं
बीबी, जीजा, साला बेटा
कोई बोल नहीं सकता अब
सबके मुंह पर ताला बेटा
आ जाए भूडोल भले ही
चुप रहता है लाला बेटा
चल देता है रोज अचानक
डाल गले में माला बेटा
मन की बात सुन सके, अब तक
बना नहीं है आला बेटा