भिण्ड, 09 जून। नेशनल हाईवे ग्वालियर-इटावा मार्ग पर मेहगांव कस्वे में सडक़ की हालत खस्ता है, कस्वे के अंदर लगभग एक डेढ़ किमी में सडक़ पर बनने वाले गड्ढे वाहन चालकों को लिए मुशीबत बने हुए हैं, आए दिन दुपहिया वाहनों के फिसलने या गिरने की समस्याओं से वाहन चालकों को गुजरना पड़ता है, जिसमें खास कर महिला चालकों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है।
नेशनल हाईवे के निर्माण से लेकर अब तक दर्जनों बार मेंटिनेंस के नाम पर काम करने वाली कंपनी आज तक यह पता नहीं लगा सकी कि आखिर कार सडक़ के अंदर नालियां क्यों बन जाती है, जब तक बीमारी का पता नहीं चलेगा डॉक्टर को फिर उसका इलाज भी भगवान भरोसे ही होगा, यही हालत है मेहगांव कस्वे में, मेंटिनेंस करने के बाद फिर वही हालात पैदा होते है कि सडक़ नालियों में तब्दील हो जाती हैं। आखिरकार वह कौन सी कमी सडक़ निर्माण करने वाली कंपनी ने कर रखी है या यूं कहा जाए कि निर्माण के समय ही निर्माण के मानकों को पूरा करने वाली सामग्री का उपयोग न करते हुए घटिया सामग्री से निर्माण कर अपने कार्यों की इतिश्री कर सडक़ निर्माण पूरा करा दिया गया, जिसका खामियाजा मेंटिनेंस करने वाले और वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है।
वाहन चालकों की बात पर भरोसा करें तो उनका कहना है कि वाहन चलाते समय सावधानी नहीं बरती गई तो कभी भी घटना दुर्घटना घटित होने की आशंका बनी रही है, पता नहीं कब किसके साथ क्या और कितनी बड़ी घटना दुर्घटना घटित हो जाए। शासन के निर्देश के अनुसार सडक़ पर एक मिली मीटर स्पीड ब्रेकर भी नहीं बनाए जा सकते, ऊंचाई वाले हर प्रकार के स्पीड ब्रेकर के बनाने पर प्रतिबंध हैं, सडक़ दुघर्टनाओं मरने बारे और घायल होने वाले 40 प्रतिशत लोग ऊंचे स्पीड ब्रेकरों के कारण हताहत होते थे, इसलिए ऊंचे ब्रेकरों पर प्रतिबंध लगाया गया है। लेकिन कस्वे में स्पीड ब्रेकर से अधिक खतरनाक स्थिति में नेशनल हाईवे की सडक़ पर बनने वाली नालीनुमा लाईन बनकर तैयार हो जाती है, जिस पर विभागीय अधिकारी-कर्मचारी एवं सडक़ निर्माणाधीन कंपनी द्वारा आज तक इस समस्या का स्थाई हल खोजने एवं सडक़ पर बनने वाली नालियों से निजात दिलाकर सडक़ को नाली रहित बनाकर यातायात को सुव्यवस्थित बनाने व वाहन चालकों को दुर्घटना राहत दिलाने में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। आए दिन कस्वे के लोग सडक़ पर नालियों से दहशत के सारे में रहते हैं न जाने कब किसके साथ क्या घटना घटित हो जाए।