कलेक्टर ने धार्मिक कार्यक्रम व त्यौहारों के लिए निर्देश जारी किए

भिण्ड, 03 सितम्बर। मप्र शासन गृह विभाग मंत्रालय बल्लभ भवन भोपाल के पत्र दिनांक एक सितम्बर 2021 से राज्य शासन द्वारा पूर्व में जारी दिशा निर्देशों के यथावत रखते हुये धार्मिक कार्यक्रम एवं त्यौहारों को दृष्टिगत रखते हुए नवीन अतिरिक्त दिशा निर्देश प्रसारित किए गए है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सतीश कुमार एस ने उक्त शासन दिशा निर्देशों के क्रम में जिले की राजस्व सीमान्तर्गत दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 में निहित शक्तियों का प्रयोग कर निम्नानुसार आदेश प्रसारित किए है।
प्रतिमा एवं ताजिये (चेहल्लुम) के लिए पण्डाल का आकार अधिकतम 30 वाई 45 फीट नियत किया जाता है। झांकी निर्माता ऐसी झांकियों की स्थापना एवं प्रदर्शन नहीं करेंगे जिनमें संकुचित जगह के कारण श्रद्धालुओं, दर्शकों की भीड़ की स्थिति बने तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन न हो सके। झांकी स्थल पर श्रद्धालुओं, दर्शकों की भीड़ एकत्रित नहीं हो तथा सोशल डिस्टेसिंग कापालन हो ऐसी व्यवस्था आयोजकों को सुनिश्चित करना अनिवार्य होगी। मूर्ति एवं ताजिये (चेहल्लुम) का विसर्जन संबंधित आयोजन समिति द्वारा किया जाएगा। विसर्जन स्थल पर ले जाने के लिये अधिकतम 10 व्यक्तियों के समूह की अनुमति होगी इसके लिये आयोजकों को पृथक से संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी से लिखित अनुमति प्राप्त किया जाना अनिवार्य होगा।
संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा विसर्जन के लिये अधिक से अधिक उपयुक्त स्थानों का चयन किया जाए, ताकि विसर्जन स्थल पर कम भीड़ हो, विसर्जन की विकेन्द्रीकृत व्यवस्था हेतु अनुभाग क्षेत्रों में शांति समिति तथा संकट प्रबंधन समूहों के सदस्यों की बैठक आयोजित कर भी निर्णय लिया जा सकता है। कोविड संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुये धार्मिक एवं सामाजिक आयोजन के लिए चल समारोह निकालने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए सामूहिक चल समारोह भी अनुमत्य नहीं होगा लाउडस्पीकर बजाने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारीकी गयी गाईड लाईन का पालन करना अनिवार्य होगा। सार्वजनिक स्थल पर कोविड संक्रमण के बचाव के तारतम्य में झांकियों, पण्डालों, विसर्जन के आयोजनों में श्रद्धालु, दर्शक फेसकवर, सोशल डिस्टेसिंग एवं सेनेटाईजर का प्रयोग के साथ ही राज्य शासन एवं जिला प्रशासन द्वारा समय समय पर जारी किए गए दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा। यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावी होकर अन्य आदेश तक लागू रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने की दशा में संबंधित के तहत भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 तथा अन्य अधिनियमों के अन्तर्गत दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी।