मध्यस्थता से परिवारों को टूटने से बचाया जा सकता है : न्यायाधीश

एक्शन प्लान ऑन मीडिएशन के तहत मध्यस्थता जागरुकता शिविर का आयोजन

भिण्ड, 01 मार्च। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड के आदेशानुसार एक्शन प्लान ऑन मीडिएशन 2023 के अनुसार मध्यस्थता जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय लखनलाल गर्ग, जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिविसेप्रा भिण्ड सुनील दण्डौतिया, जिला विधिक सहायता अधिकारी भिण्ड सौरभ कुमार दुबे एवं अधिवक्तागण एवं पक्षकार उपस्थित रहे।
शिविर में प्रधान न्यायाधीश ने मध्यस्थता के लाभ एवं मध्यस्थता की वर्तमान में आवश्यकता विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि मध्यस्थता एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से परिवारों को टूटने से बचाया जा सकता है तथा पक्षकारों के मध्य सामंजस्य स्थापित कर विवाद का निपटारा किया जा सकता है। वर्तमान समय में मध्यस्थता न्याय प्रक्रिया की एक महत्वपूर्ण कड़ी है जिसकी अनुपस्थिति में विवादों का निपटारा सुलभ और मैंत्रीपूर्ण तरीके से हो पाना असंभव है। अत: मध्यस्थता प्रक्रिया को अधिक से अधिक मामलों में अपनाया जाना चाहिए। इस अवसर पर अधिवक्ता एवं पक्षकार उपस्थित रहे।
इसी क्रम में बालगृह अटेर रोड भिण्ड में विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में न्यायिक मजिस्ट्रेट भिण्ड सुश्री अनुराधा गौतम ने नालसा की बालकों के लिए मैंत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं योजना 2015 के अंतर्गत बाल अधिकार अधिनियम 2005 के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर जिला विधिक सहायता अधिकारी भिण्ड सौरभ कुमार दुबे ने नि:शुल्क विधिक सहायता योजना के संबंध में जानकारी दी। शिविर में बालगृह का स्टाफ एवं बच्चे, पीएलव्ही जितेन्द्र शर्मा मौजूद रहे।