कलयुग में हनुमान जी की भक्ति ही लोगों को दुख और संकट से बचाने में सक्षम है : रामस्वरूपाचार्य जी

मंशापूर्ण हनुमान मन्दिर पर चल रही श्रीराम कथा की अष्टम दिवस

भिण्ड, 22 फरवरी। श्री मंशापूर्ण हनुमान जी की प्रेरणा से पीडब्ल्यूडी कॉलोनी में चल रही श्रीराम कथा के आठवें दिन श्रीश्री 1008 जगतगुरू रामस्वरूपचार्य जी महाराज ने श्री हनुमान चरित्र की कथा का वर्णन किया।
श्री रामस्वरूपचार्य जी महाराज ने कहा कि हनुमानजी इस कलियुग के अंत तक अपने शरीर में ही रहेंगे। वे आज भी धरती पर विचरण करते हैं। वे कहां रहते हैं, कब-कब व कहां-कहां प्रकट होते हैं और उनके दर्शन कैसे और किस तरह किए जा सकते हैं, हम यह आपको बताएंगे अगले पन्नों पर। और हां, अंतिम दो पन्नों पर जानेंगे आप एक ऐसा रहस्य जिसे जानकर आप सचमुच ही चौंक जाएंगे- चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥ संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥ अंतकाल रघुवरपुर जाई, जहां जन्म हरिभक्त कहाई॥ और देवता चित्त ना धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई।। चारों युग में हनुमानजी के ही परताप से जगत में उजियारा है। हनुमान को छोड़कर और किसी देवी-देवता में चित्त धरने की कोई आवश्यकता नहीं है। द्वंद्व में रहने वाले का हनुमानजी सहयोग नहीं करते हैं। हनुमानजी हमारे बीच इस धरती पर सशरीर मौजूद हैं। किसी भी व्यक्ति को जीवन में श्रीराम की कृपा के बिना कोई भी सुख-सुविधा प्राप्त नहीं हो सकती है। श्रीराम की कृपा प्राप्ति के लिए हमें हनुमानजी को प्रसन्न करना चाहिए। उनकी आज्ञा के बिना कोई भी श्रीराम तक पहुंच नहीं सकता। हनुमानजी की शरण में जाने से सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं। इसके साथ ही जब हनुमानजी हमारे रक्षक हैं तो हमें किसी भी अन्य देवी, देवता, बाबा, साधु, ज्योतिष आदि की बातों में भटकने की जरूरत नहीं।
उन्होंने कहा कि हनुमान इस कलियुग में सबसे ज्यादा जाग्रत और साक्षात हैं। कलियुग में हनुमानजी की भक्ति ही लोगों को दुख और संकट से बचाने में सक्षम है। बहुत से लोग किसी बाबा, देवी-देवता, ज्योतिष और तांत्रिकों के चक्कर में भटकते रहते हैं और अंतत: वे अपना जीवन नष्ट ही कर लेते हैं। क्योंकि वे हनुमान की भक्ति-शक्ति को नहीं पहचानते। ऐसे भटके हुए लोगों का राम ही भला करे। उन्होंने कहा कि आज समाज में विरोधाभास के कारण घटनाएं घट रही हैं लेकिन हमें अपने समाज को समझाना चाहिए कि विरोधाभास ना करें और समाज में श्रीरामचरितमानस की कथा के प्रति लोगों को जागृत करें। सुंदरकांड का शब्द सुंदर से जुड़ा हुआ है। वृद्धों की बात मानकर और शिक्षा के क्षेत्र की और आगे बढ़े यही सुंदरकाण्ड का उद्देश है। शिक्षा महान व्यक्ति बुजुर्गों का आशीर्वाद ग्रहण नहीं करेगा तो संसार नहीं जुड़ पाएगा। उन्होंने कहा कि पैसा कमाना धर्म नहीं, धन कमाने के साथ-साथ धर्म भी कमाना चाहिए। बुजुर्गों का आशीर्वाद ही हमारी रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को बुजुर्गों का कहना मानना चाहिए, क्योंकि उनका आशीर्वाद ही हमारे लिए प्रेरणादायक रहेगा। हनुमान जी युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत हमेशा रहे।
श्रीराम कथा में पूर्व सांसद डॉ. रामलखन सिंह ने श्री रामस्वरूपचार्य जी महाराज का शॉल-श्रीफल एवं माल्यार्पण कर स्वागत करते हुए आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर परीक्षत बृजभूषण सिंह तोमर, मंशापूर्ण हनुमान मन्दिर समिति के अध्यक्ष एवं जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष श्यामसुंदर सिंह जादौन, ओमप्रकाश पुरोहित, पूर्व नपा उपाध्यक्ष रामनरेश शर्मा, अभिभाषक राममिलन शर्मा, प्रदीप मिश्रा, श्रीमती कल्पना मिश्रा, गणेश भारद्वाज, कमलकिशोर शर्मा, अरुण कुमार गुप्ता आरती में शामिल हुए।
श्रीराम कथा में आज होगा राजतिलक कथा का प्रसंग
श्री मंशापूर्ण हनुमान मन्दिर पर चल रही श्रीराम कथा में 23 फरवरी को राज तिलक की कथा का प्रसंगर श्री श्री 1008 रामस्वरूप आचार्य मुखारविंद से किया जाएगा। आप सभी से आग्रह है कि अधिक से अधिक संख्या में राम जन्म की कथा में शामिल होकर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें।