भिण्ड, 21 फरवरी। आलमपुर कस्बे में कई जगह सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। क्षतिग्रस्त सड़कों पर लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। लेकिन नगर परिषद क्षतिग्रस्त सड़कों की ओर ध्यान नहीं दे रही है।
बताया जाता है कि आलमपुर बाजार सहित बस्ती के अंदर कई जगह सड़कें क्षतिग्रस्त होकर इतनी बुरी स्थिति में पहुंच चुकी हैं कि लोगों का सड़कों चलना मुश्किल हो गया है। रात के अंधेरे में तो राहगीर सड़कों पर मौजूद गढ्डे से ठिब्बे (ठोकर) खाकर गिर जाते हैं। इधर कस्बे के कुछ लोगों का कहना है कि जल आवर्धन योजना के तहत कस्बे में चल रहे कार्य के अंतर्गत आलमपुर कस्बे के अंदर नवीन पाइप लाइनें बिछाने के लिए ठेकेदार ने सड़कें तो खुदबा डाली हैं। लेकिन पाइप लाइनें बिछाने के पश्चात कई जगह सड़कों की मरम्मत ठीक तरह से नहीं कराई गई। जिससे कस्बे में अधिकांश सड़कों की हालत खराब बनी हुई है। अभी वर्तमान समय में कस्बे में पाइप लाइनों को एक दूसरे से जोडऩे का कार्य चल रहा है। इस दौरान सड़कों पर पुन: खुदाई कर लम्बे चौड़े गढ्डे खोदे जा रहे हैं। लेकिन सड़कों पर खोदे गए गढ्डों का न तो अच्छी तरह से भराव कराया जा रहा है और न ही सड़कों पर खोदे गए गढ्डों पर सीमेंट क्रांकरी कराई जा रही है। जल आवर्धन योजना के अंतर्गत कार्य करा रहे ठेकेदार ने आलमपुर कस्बे की सड़कों की सूरत बिगड़कर रख दी है। लेकिन इस ओर नगर परिषद बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है।
बस स्टेण्ड पर एक माह से क्षतिग्रस्त पड़ी पुलिया
नगर परिषद कार्यालय की चंद दूरी पर स्थित बस स्टेण्ड पर समता ट्रस्ट के सामने नाले पर बनी पुलिया पिछले करीब एक माह से क्षतिग्रस्त अवस्था में पड़ी हुई है। बस स्टेण्ड से नगर परिषद की ओर तेज गति से जाने वाले दो पहिया वाहन चालक क्षतिग्रस्त पुलिया की वजह से आए दिन दुर्घटना के शिकार होते रहते हैं। लेकिन नगर परिषद के जिम्मेदार लोग अपने कार्यालय के समीप क्षतिग्रस्त पड़ी पुलिया की ओर भी गौर नहीं कर रहे है। इससे बड़ी लापरवाही और क्या होगी।
देभई चौराहे से धर्मकांटा तक सड़क हुई जर्जर
आलमपुर कस्बे में देभई चौराहे से लेकर कौरव धर्मकांटा तक डम्बरीकरण युक्त सड़क जलभराव के कारण बुरी तरह से उखड़ चुकी है और सड़क लम्बे चौड़े गढ्डे हो गए हैं। बारिश के दिनों में लोगों की परेशानी को देखते हुए वार्ड पार्षद ने प्रयास कर सड़क पर गिट्टी बिछवा दी थी। तब से लेकर वर्तमान समय तक उक्त सड़क पर गिट्टी बिछी हुई है। लेकिन शासन-प्रशासन इस जर्जर सड़क की सुधि नहीं ले रहा है। बताया जाता है कि यह सड़क लोक निर्माण विभाग के दायरे में आती है।