सागर, 22 जुलाई। द्वितीय विशेष अपर सत्र न्यायाधीश, खुरई जिला सागर श्री प्रशांत निगम के न्यायालय ने व्यपहरित कर नाबालिग से गलत काम करने वाले आरोपी रहीम खान को धारा 363, 366 भादवि में तीन-तीन साल का सश्रम कारावास व तीन-तीन हजार रुपए का अर्थदण्ड एवं धारा 3/4 पॉक्सों एक्ट में 10 साल का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया है। प्रकरण में राज्य शासन की ओर से वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी खुरई त्रिलोकराज शास्त्री ने पक्ष रखा।
लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी/ एडीपीओ सौरभ डिम्हा ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि 18 मार्च 2019 को रात्रि के समय अभियोक्त्री जिसकी उम्र 17 वर्ष की थी बिना बताए कही चली गई थी, जिसको आप-पास एवं रिस्तेदारी में पता किया, जो नहीं मिली। घटना के बाद से आरोपी रहीम भी घर पर नहीं था, उसका फोन लगाया तो उसने फोन नहीं उठाया। उक्त घटना की रिपोर्ट फरियादी ने थाना मालथौन में दर्ज कराई। उक्त रिपोर्ट पर से थाना मालथौन में अपराध धारा 363 भादवि के अंतर्गत पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना दौरान 24. अप्रैल 2019 को अभियोक्त्री को दस्तयाव किया गया, पंचनामा बनाकर अभियोक्त्री को उसके परिवार वालों को सुपुर्द किया गया। अभियोक्त्री की एमएलसी एवं डीएनए कराया गया एवं न्यायालयीन कथन कराए गए। अभियोक्त्री के नाबालिग से संबंधित आयु दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। विवेचना के दौरान धारा 366 भादवि एवं धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट का इजाफा किया गया। विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायालय के समक्ष अभियोजन अधिकारी ने महत्वपूर्ण साक्ष्य प्रस्तुत किए एवं प्रकरण के अभियुक्त को धारा 363, 366 भादवि एवं धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट के विरुद्ध संदेह से परे प्रमाणित कराया। न्यायालय ने उक्त प्रकरण के तथ्य, परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी रहीम खान को धारा 363, 366 भादवि में दोषी पाते हुए तीन-तीन साल का सश्रम कारावास व तीन-तीन हजार रुपए के अर्थदण्ड एवं धारा 3/4 पॉक्सों एक्ट में दोषी पाते हुए 10 साल का सश्रम कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया है।