गोरमी में अघोषित बिजली कटौती से जनजीवन अस्त-व्यस्त

भिण्ड, 30 मई। गोरमी नगर एवं सर्किल में पिछले एक सप्ताह से विद्युत विभाग की लापरवाही से अघोषित लाइट कटौती हो रही है। 24 घण्टे में मात्र पांच से छह घण्टे लाइट आ रही है। इस वजह से आम जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ना तो पानी की सप्लाई आ रही है और ना ही लाइट से व्यापार करने वाले दुकानदार भाई अपनी रोजी रोटी कमा पा रहे हैं, कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि नगर में विद्युत विभाग समय भगवान भरोसे है।
विद्युत विभाग के अधिकारी अंकुर गुप्ता का ट्रांसफर शिवपुरी हो गया है, यंत्री प्रमोद शर्मा का ट्रांसफर गोहद हो गया है एवं गोरमी में पदस्थ उपयंत्री यादवेन्द्र सिंह के साथ स्थानीय नागरिकों द्वारा लाइट की भी अघोषित कटौती की वजह से उनको खरी-खोटी सुना दी, तो वह भी छुट्टी लेकर घर चले गए हैं। ना तो जिम्मेदार अधिकारी है, ना ही कोई जिम्मेदार कर्मचारी। किसी मोहल्ले में केवल जल जाती है, किसी मोहल्ले में डीयो टूट जाता है तो पांच से छह घण्टे कोई सुनने वाला नहीं है। भीषण गर्मी की वजह से आमजन बच्चे बुजुर्ग बेहद परेशान हैं, बोर में विद्युत मण्डल कार्यालय में पदस्थ जूनियर इंजीनियर एवं अन्य स्टाफ किसी का फोन नहीं उठाता। अगर रात 12 बजे किसी मोहल्ले में फेस चला जाए, डियो टूट जाए तो कोई सुधारने वाला नहीं है। स्थानी नागरिकों ने इसकी शिकायत एसई अशोक शर्मा एवं अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। जब तक गोरमी में जूनियर इंजीनियर पद पर कोई जिम्मेदार अधिकारी पदस्थ नहीं होगा, तब तक गर्मी की बदहाल विद्युत व्यवस्था को पटरी पर लाना मुश्किल है। अघोषित लाइट कटौती से परेशान होकर कई परिवार तो ग्वालियर पलायन कर गए हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब भी किसी मोहल्ले में केवल टूट जाती है तो उस मोहल्ले की लाइट ना काटते हुए पूरे नगर की लाइट घण्टों काट दी जाती है, ग्रामीण अंचल की हालत तो और ही और भी खराब हैं यहां पर कोई सुनने वाला नहीं है।

इनका कहना है-

एक सप्ताह से सारे दिन लाइट की कटौती हो रही है, इससे काम धंधा चौपट है, दुकान का किराया निकलना भी मुश्किल हो रहा है।
संजीव झा, मोबाइल दुकानदार
लाइट सारे दिन आती जाती रहती है, जिससे शादी विवाह का सीजन होने के बावजूद कोई काम धंधा नहीं हो रहा है। गोरमी की लाइट तो भगवान भरोसे है।
रईस खान, आटा चक्की मालिक