मां की आज्ञा और स्नेह से दुर्लभ शक्तियां हासिल करने का सौभाग्य मिलता है : शास्त्री

ग्राम पचैरा में चल रही है देवी भागवत कथा

भिण्ड, 04 अप्रैल। मेहगांव क्षेत्र के ग्राम पचैरा में चल रही दैवी भागवत कथा में पं. राजेश शास्त्री ने देवी की महिमा बताते हुए व्यासजी के जन्म से लेकर पुरुरवा का विवाह, उर्वशी अप्सरा, व्यासजी का अपने पुत्र शुकदेवजी देवी भागवत का ज्ञान प्राप्त करना, राजा शांतनु का गंगा से विवाह, शांतनु के पुत्र देवब्रत का जन्म बाद में भीष्म पितामह के नाम से सुबिख्यात होना, भीष्म की विजय पताका चारों दिशाओं में फहराना, यह सब देवी के प्रताप का फल है, भीष्म जीवन भर मां गंगा की आज्ञा का पालन करते हुए इच्छा मृत्यु जैसे बरदान को हासिल करने में सफल हुए।
भागवताचार्य ने कहा कि मनुष्य को जीवन में सदैव मां की आज्ञा का पालन करना चाहिए, मां की कृपा से लौकिक ही नहीं पारलौकिक में भी मनुष्य को अहम स्थान प्राप्त होता है, देवी भागवत का श्रष्ठी का उत्पादन से लेकर संचालन तक सब देवी के बिना अधूरा है। शिव शक्ति से ही शक्तिमान है, संसार में जितनी शक्तियां हैं, वह सब देवी के द्वारा ही प्रदान होना संभव है, इसलिए सभी को जीवन में मां से बड़ा कोई नहीं, मां की आज्ञा और स्नेह से दुर्लभ से दुर्लभ शक्तियां हासिल करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।