दो शादियां करने वाले आरोपी को तीन वर्ष का सश्रम कारावास

सागर, 16 मार्च। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बण्डा जिला-सागर श्रीमती ज्योत्सना तोमर के न्यायालय ने दो शादियां करने वाले आरोपी अनिल पुत्र प्रीतम यादव उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम मउ, थाना बहरोल बण्डा, जिला सागर को धारा 494 भादंवि के तहत तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 800 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में राज्य शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी ताहिर खान एवं शरद सिंह यादव ने की।
मीडिया प्रभारी/ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी सागर सौरभ डिम्हा के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादिया ने इस आशय की रिपोर्ट लेखबद्ध कराई कि उसका विवाह 11 जुलाई 2016 को आरोपी अनिल के साथ हिन्दू रीति रिवाज अनुसार सात भांवर पढ़कर संपन्न हुआ था। फरियादिया के माता-पिता ने विवाह के समय दान दहेज अपनी हैसियत से बढ़कर दिया था, विवाह में आरोपी के परिवारजन द्वारा दहेज मांगने पर एक लाख रुपए एवं कपड़ों के लिए दस हजार रुपए लगुन एवं टीका के तौर पर दिया था। विवाह के भांवर के समय दहेज में वर्तन, अलमारी, पंलग पेटी, सोफासेट, बेड आदि दिए थे। फरियादिया को विवाह के प्रथम विदा से ही दहेज प्रताडऩा करने लगे और कहते थे कि उसके माता-पिता ने एक मोटर साइकिल नहीं दी एवं 20 हजार रुपए नगद नहीं दिए, अपने माता-पिता के यहां से एक मोटर साइकिल एवं 20 हजार रुपया नगद लेकर आना, तभी हमारे घर पर अच्छे से रह पाओगी। फरियादिया ने अपने मायके में आने पर अपने माता-पिता को घटना की सारी बात बताई, तब उसके भाई ने उसके पति को समझाया तो अभियुक्त अनिल गालियां देकर कहने लगा कि उसकी बहिन को अपने घर पर ही रखे, वह दूसरा विवाह करेगा। अभियुक्त अनिल ने दूसरा विवाह 18 अप्रैल 2018 को खुरई सम्मेलन से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत कर लिया। फरियादिया दो वर्षों में मात्र चार बार ससुराल गई, जिस दौरान अभियुक्त व उसके परिवारजन ने आए दिन उसके दहेज हेतु प्रताडि़त किया तथा अभद्र व्यवहार किया गया एवं मिट्टी का तेल डालकर जला कर मार देने की धमकी देते थे तथा उसके सारे सोने-चांदी के गहने स्त्रीधन छीनकर घर से भगा दिया। फरियादिया की उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना बहरोल में प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। जहां अभियोजन ने महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किए। न्यायालय ने उभय पक्ष को सुना एवं प्रकरण के तथ्य, परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए व अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी अनिल यादव को धारा 494 भादंवि के तहत तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं 800 रुपए जुर्माने से दण्डित करने का आदेश दिया है।