ग्वालियर, 02 मार्च। अनन्यत: विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) ग्वालियर श्रीमती आरती शर्मा के न्यायालय ने नावालिग का अपहरण कर अपने साथ जबरदस्ती रखने वाले आरोपी जितेन्द्र बरार पुत्र रामस्वरूप उम्र 22 वर्ष निवासी थाना दिगौड़ा, टीकमगढ़ को धारा 366 भादंवि में पांच वर्ष एवं धारा 376(2एन) भादंवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास और कुल एक हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई है। प्रकरण में सहयोग एडीपीओ श्रीमती कल्पना यादव ने किया।
अभियोजन की ओर से प्रकरण की पैरवी कर रहे अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी अनिल मिश्रा ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी अभियोक्त्री के पिता द्वारा जनसुनवाई के दौरान पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत किए गए आवेदन के आधार पर यह पाया गया कि अभियुक्त द्वारा 11 दिसंबर 2015 को शाम 5:30 बजे अभियोक्त्री को अपहरण कर ले जाया गया, फरियादी द्वारा की गई शिकायत के आधार पर पुलिस थाना थाटीपुर पर अपराध पंजीवद्ध कर विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान अभियोक्त्री को आठ दिसंबर 2018 को दस्तयाव किया, अभियोक्त्री ने धारा 164 के कथनों में बताया कि उसके पिता ने मकान बनवाया था, तब अभियुक्त मिस्त्री का काम करने उसके घर आया था, इसलिए वह उसे जानती है। वर्ष 2015 में जब उसकी उम्र 17 वर्ष थी, तब अभियुक्त उसे दिल्ली ले गया था तथा उससे कहता था तुमसे शादी करके तुझे खुश रखूंगा एवं वर्ष 2016 में उसने कोर्ट से शादी कर दिल्ली में रखने लगा। अभियोक्त्री को अपने माता-पिता से संबंध रखने और बात करने पर जान से मारने की धमकी देता था और पिता और भाई को भी जान से मारने की धमकी देता था। अभियोक्त्री से गाली गलौच व मारपीट भी करता था। अभियोक्त्री अभियुक्त के साथ नहीं रहना चाहती थी। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों एवं साक्ष्यों से सहमत होकर आरोपी को सजा सुनाई है।