विदिशा, 22 जनवरी। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश विशेष सुश्री प्रतिष्ठा अवस्थी के न्यायालय ने अवयस्क अभियोक्त्री से छेड़छाड़ करने वाले आरोपी को धारा 457 भादंवि में दो वर्ष सश्रम कारावास व एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 8 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में तीन वर्ष सश्रम कारावास व दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 3(1)(डब्ल्यू-1) अजा एवं अजजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 भादंसं में दो वर्ष सश्रम कारावास और एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 3(2)(व्हीए) अजा एवं जजा अधिनियम 1989 में तीन वर्ष का कारावास और दो हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण की पैरवी विशेष लोक अभियोजक/ सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रतिभा गौतम ने की एवं जिला लोक अभियोजन अधिकारी जेएस तोमर द्वारा समय-समय पर पैरवी के दौरान सहयोग प्रदान किया गया है।
घटना के संबंध में अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी सुश्री गार्गी झा ने बताया कि 30 मई 2017 की रात में अभियोक्त्री व उसकी दादी अपने-अपने पलंग पर सो रहे थे। रात करीब 11 बजे अभियोक्त्री के पलंग पर आकर कोई बैठ गया था और बुरी नियत से उसका हाथ पकड़ लिया था, वह जागी तो उसने देखा कि पलंग पर आरोपी बैठा था, आरोपी ने उसे पकड़कर उसका मुंह दबाया था और उससे कहा था कि चिल्लाना मत, नहीं तो जान से मार दूंगा। फिर उसकी दादी चिल्लाने पर आई तो आरोपी भाग गया। उसके घर वाले शादी में बाहर गए थे, आधा घण्टे बाद आरोपी फिर से झांकने लगा तो फिर वह और उसकी दादी चिल्लाई थी तो आरोपी दुबारा भाग गया। रात करीब 12 बजे उसने अपने पिता एवं चाचा को घटना बताई तथा रिपोर्ट करने गई। लाईट जल रही थी तो उसने को पहचान लिया था, आरोपी उसके गांव का है तथा उसे और उसके परिवार वालों को ठीक तरह से जानता है कि अभियोक्त्री अनुसूचित जाति की है। अभियोक्त्री द्वारा घटना के संबंध में 31 मई 2017 को थाना प्रभारी हैदरगढ़ को एक लेखीय आवेदन दिया गया था। उक्त आवेदन के आधार पर अपराध क्र.46/2017 पर प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया था। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था।