मेहगांव में विद्युत व्यवस्ता फैल अधिकारियों की मनमानी से आमजनता परेशान

विद्युत विभाग के खिलाफ जनता में पनप रहा आक्रोश

भिण्ड, 09 जनवरी। विद्युत विभाग द्वारा पिछले कई दिनों से लगातार मनमाने ढंग से अवैध रूप से बिजली की कटौती की जा रही है। बिना परमिट की कटौती के चलते आमजन का जीना दूभर हो गया है। वहीं बिजली विभाग के अधिकारियों के पास एक के बाद एक बहाने मौजूद हैं। भारतीय जनता पार्टी की नगर से लेकर केन्द्र तक सरकार होने के बावजूद एक भी नेता बिजली विभाग के अधिकारी को फोन कर इस व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए नहीं बोल सकता, वहीं विपक्ष भी बोना हो गया है। जिसके पास सरकार के खिलाफ इन मुद्दों पर आवाज उठाने की क्षमता भी नहीं है।

मप्र के ऊर्जा मंत्री सफाई के लिए चर्चित, बिजली विभाग जा रहा गड्ढे में

मप्र सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर वैसे तो अखबारों और सोशल मीडिया पर सफाई के नाम पर चर्चा में रहते हैं, वहीं बिजली विभाग की लापरवाही पर उनका ध्यान नहीं है। लगातार बिजली की समस्याओं को लेकर जनता में सरकार के प्रति आक्रोश पनप रहा है, वहीं नगर के छुटपुट भाजपा नेताओं को रजाई से निकलने की फुर्सत नहीं है।

जेलर का फोन भी नहीं उठाया अधिकारियों ने तो भोपाल में की शिकायत

सिर्फ मेहगांव नगर में आमजन बिजली समस्या से जूझ रहा है बल्कि मेहगांव उपजेल में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है, बिजली विभाग के द्वारा पुरानी केबिलों को दुरुस्त नहीं किए जाने से रोज केबिलें टूट जाती हैं, जिसके बाद पूरे नगर की बिजली काट दी जाती है। वहीं आज सुबह से उपजेल में लाइट न होने की वजह से वहां पानी की व्यवस्था ठप हो गई है, जिससे बंदियों को प्यासा रहने पर मजबूर होना पड़ा। जिसके बाद मेहगांव जेल के जेलर द्वारा बिजली विभाग के अधिकारियों को फोन लगाया गया तो किसी भी अधिकारी-कर्मचारी ने फोन नहीं उठाया। फिर जेलर द्वारा विद्युत विभाग के हेल्पलाइन नंबर भोपाल पर शिकायत दर्ज कराई गई तब कहीं घण्टों बाद कर्मचारी पहुंचे।

पत्रकारों के सबाल पर भड़के डीई अंकुर गुप्ता नहीं दे पाए जबाब

बिजली समस्या को लेकर जब पत्रकार द्वारा विद्युत विभाग के डीई अंकुर गुप्ता से बात की तो डीई गुप्ता ने भड़क गए, उन्होंने कहा कि आपका या जनता का फोन उठाना हमारे लिए आवश्यक नहीं है, हमारे पास और भी काम रहते हैं, जरूरी नहीं कि मैं कॉल रिसीव करूं। जब पत्रकार ने कहा कि आपके बंगले पर भी गए तो वहां भी ताला मिला, इस बात पर बोले कि हम बंगले पर भी नहीं रहते हैं। हमारे कर्मचारी भी किसी काम में व्यस्त होंगे तो नहीं उठाया फोन, हमारे पास तुम्हारी इन समस्याओं के लिए समय नहीं है। विद्युत विभाग के बड़े अधिकारी का इस भाषाशैली से पत्रकारों से बात करना उनकी कार्यशैली को दर्शाता है। पद की गरिमा तोड़कर पत्रकार से संतोष पूर्वक जवाब न देते हुए भड़ककर बात करना विद्युत विभाग की कार्यशैली को भी उजागर करती है।