दो साल के मासूम का अपहरण करने वाले चार आरोपियों को आजीवन कारावास

भिण्ड, 07 जनवरी। विशेष न्यायाधीश (डकैती) जिला भिण्ड श्री दिलीप गुप्ता के न्यायालय ने गोरमी थाने के एक प्रकरण में दो साल के मासूम बच्चे का अपहरण करने वाले आरोपीगण राजकुमार पुत्र रामस्वरूप शर्मा उम्र 50 साल, भरत उर्फ निक्की पुत्र छोटेलाल व्यास उम्र 25 साल, अतुल उर्फ राजू शर्मा पुत्र राजकुमार शर्मा उम्र 24 साल, रामवरन सिंह पुत्र राजेन्द्र सिंह परिहार उम्र 25 साल निवासीगण ग्राम भदरौली, थाना मौ, जिला भिण्ड को धारा 363, 364ए भादंसं एवं 11/13 एमपीडीव्हीपीके एक्ट एवं धारा 25/27 आयुध अधिनियम के तहत आजीवन कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपए अर्थदण्ड एवं कधारा 363 भादवि में प्रत्येक को सात-सात साल का सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है। प्रकरण में अभियोजन का संचालन विशेष लोक अभियोजक जिला भिण्ड श्रीमती हेमलता आर्य ने किया।
सहायक मीडिया सेल प्रभारी (अभियोजन) जिला भिण्ड कु मनोरमा शाक्य ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि 21 जुलाई 2016 को फरियादी चक्रेश जैन ने थाना गोरमी में रिपोर्ट लेख करवाई कि वह गोरमी का निवासी है, फोटोग्राफी की दुकान करता है, आज दिनांक को सुबह साढ़े दस बजे उसका लड़का निखिल उम्र तीन साल घर के बाहर खेल रहा था, उसे उसने घर की गैलरी में कर दिया और फोटोग्राफी के काम से सूरज फोटो स्टूडियो की तरफ चला गया। एक घण्टे बाद घर लौटकर आया, पत्नी ऋतु से पूछा कि निखिल कहा है, वह बोली कि दुकान पर होगा। दुकान, घर सब जगह देखा, आस-पास मोहल्ले में पता किया, किंतु कहीं पता नहीं चला। संदेह है कि उसे कोई ले गया है, इस समय थाने पर अपने साथ सुरेन्द्र जैन व सुभाष थापक को लेकर रिपोर्ट करने आया है, कार्रवाई की जाए। जिसके आधार पर थाना गोरमी में अपराध क्र.213/16 अंतर्गत धारा 363 भादंवि का पंजीबद्व कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान अपराध की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक भिण्ड द्वारा उक्त प्रकरण को चिन्हित एवं जघन्य सनसनीखेज प्रकरणों की श्रेणी में चिन्हित किया गया। अभियोजन की साक्ष्य पर विश्वास करते हुए न्यायालय ने अभियुक्तगण को दोषसिद्ध किया। विशेष न्यायाधीश (डकैती) जिला भिण्ड श्री दिलीप गुप्ता द्वारा विचारण पश्चात अभियुक्तगण राजकुमार, भरत उर्फ निक्की, अतुल शर्मा एवं रामवरन को भादवि की धारा 364-क सहपठित धारा 11/13 एमपीडीव्हीपीके एक्ट में प्रत्येक को आजीवन कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 363 भादंवि में प्रत्येक को सात-सात साल का सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।