भिण्ड, 22 अक्टूबर। प्रभारी अधिकारी विशेष कृषि अनुसंधान केन्द्र भिण्ड ने बताया कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के अंतर्गत विशेष कृषि अनुसंधान केन्द्र इटावा रोड भिण्ड पर गेहूं की उन्नतशील किस्म टीआरवीडब्ल्यू-155 प्रजनक बीज व एचआई-1544 राजविजय बीज तथा चना की उन्नतशील किस्में आरवीजी-202, जेजी-24 विक्रय हेतु उपलब्ध है। ये उन्नतशील किस्में किसान भाई अपने खेत पर लगाते हैं तो यह बीज पांच से छह साल तक उपयोग कर सकते हैं। हर साल नया बीज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी एवं इस बीज का हर साल उत्पादन बढ़ता जाता है। गेहूं की उन्नतशील किस्में टीआरवीडब्ल्यू-155 व गेहूं-1544 तथा चना आरवीजी-202 राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा विकसित की गई है व किस्म जेजी-24 चना, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर से विकसित की गई है। यदि किसान भाई का खुद का बीज होगा तो हर साल बीज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे किसान भाईयों की खेती में लागत की कमी आएगी और आय अधिक होगी। बीजों की पैकिंग गेहूं-40 किलोग्राम तथा चना-30 किलो में विक्रय हेतु उपलब्ध हैं। अधिक जानकारी हेतु मोबाइल नं.9329622315 पर संपर्क करें।