झाबुआ, 25 सितम्बर। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जिला झाबुआ राजेन्द्रक कुमार शर्मा की अदालत ने धारिया, कुल्हाड़ी और फरसी से मारपीट करने वाले आरोपीगण अबला उर्फ अभेसिंह पुत्र सबु डामोर उम्र 52 वर्ष, सजीत उर्फ अजित पुत्र नाथिया डामोर उम्र 25 वर्ष, सुभाष पुत्र अबला उर्फ अभेसिंह डामोर उम्र 24 वर्ष, नाथिया पुत्र सबु डामोर उम्र 63 वर्ष, निवासीगण मांडली लालजी थाना रानापुर को दोषी पाते हुए धारा 307/34 भादंवि में 10-10 वर्ष सश्रम कारावास तथा दो-दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 326/34 (दो शीर्ष में) भादंवि में 10-10 वर्ष सश्रम कारावास तथा दो-दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 324/34 भादंविमें एक-एक वर्ष सश्रम कारावास तथा 500-500 रुपए जुर्माने से दण्डित किया है। शासन की ओर से प्रकरण का संचालन अपर लोक अभियोजक जिला झाबुआ राकेश जोशी ने किया।
सहायक निदेशक (अभियोजन) जिला झाबुआ महेश पटेल ने बताया कि 7 फरवरी 2024 को ग्राम रूपाखेड़ा टोलडुंगरा पर कांतिलाल की लड़की की भील पंचायत में मजरूह मैसु निवासी रेतालुंजा को बुलाया था। भील पंचायत के बाद स्टाम्प लिखाने के लिए रानापुर जाने के लिये टोलडुंगरा चौराहे पर खड़े थे कि मांडली बुचा डुंगरी रोड तरफ से बोलेरो में अबला, सुभाष, नाथिया, अजीत, संजय, सजन सभी आए और अबला ने मैसु को पकड़ लिया तथा सुभाष ने जान से मारने की नियत से धारिया मारा जो मैसु को बांए हाथ की बाजू पर लगा, अजीत ने लोहे की फरसी से पेट में मारा, जिससे पेट फट गया, संजय ने कुल्हाड़ी से सिर में मारा, कलसिंह बचाने आया तो उसे नाथिया ने डांग से मारा जो सिर पर दांए कंधे पर बांए हाथ की कोहनी पर दोनों पैर के घुटने पर चोटें आई तथा कांतिलाल को सजन ने लट्ठ से मारा जो सिर पर गर्दन पर चोट आई। मैसु का बांया हाथ कटकर अलग हो गया। अबला डामोर का और कांतिलाल के ससुर का पिछला औरत की बात को लेकर झगड़ा चल रहा है। दोनों में रंजिश बनी हुई है। अबला ने अपने भाई नाथिया और अपने लड़के सुभाष तथा भतीजे सजन उर्फ सजित उर्फ अजित के साथ मिलकर उसी रंजिश को लेकर उसके ससुर मैसु पर जान से मारने की नियत से धारिया और कुल्हाड़ी तथा फरसी से मारपीट किया था। रानापुर थाना पुलिस ने फरियादी की शिकायत पर अभियुक्तगण के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की थी। विवेचना के दौरान अनुसंधान पूर्ण कर अपराध गंभीर प्रकृति का होने से उक्तण प्रकरण को जिले का चिन्हित एवं सनसनीखेज घोषित कर अभियोग पत्र न्या यालय के समक्ष पेश किया गया था। विचारण के दौरान न्याजयालय में आई साक्ष्य के आधार पर अभियोजन ने अभियुक्तगण द्वारा फरियादी को धारिया और कुल्हाड़ी तथा फरसी से मारपीट करना साबित किया। इस प्रकार विशेष लोक अभियोजक ने अपना मामला न्यायालय में मौखिक एवं दस्तावेज साक्ष्य से तथा मौखिक तर्क प्रस्तुत कर प्रकरण को संदेह से परे साबित किया गया, इस कारण न्यायालय ने संतुष्ट होकर आरोपीगण को उपरोक्तानुसार सजा से दण्डित किया है।