न्यायमूर्ति फड़के ने किया नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ

– लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित 715 प्रकरणों का हुआ निराकरण

भिण्ड, 13 सितम्बर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के आदेशानुसार शनिवार को भिण्ड जिले में नेशनल लोक अदालत का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। जिसका औपचारिक शुभारंभ मप्र उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के न्यायमूर्ति मिलिन्द रमेश फड़के ने मां सरस्वती की प्रतिमा एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं द्वीप प्रज्जवलित कर नेशनल लोक अदालत का औपचारिक शुभारंभ एडीआर भवन जिला न्यायालय परिसर भिण्ड में किया।
इस दौरान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश भिण्ड केएस बारिया, विशेष न्यायाधीश भिण्ड मनोज कुमार तिवारी (सीनि.), प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय भिण्ड दिलीप गुप्ता, सप्तम जिला न्यायाधीश भिण्ड मनोज कुमार तिवारी (जूनि.), प्रथम एडीजे भिण्ड पंकज चतुर्वेदी, तृतीय एडीजे भिण्ड हिमांशु कौशल, पंचम एडीजे भिण्ड कौशल किशोर वर्मा, सीजेएम भिण्ड निधि निलेश श्रीवास्तव, चुतर्थ व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड भिण्ड डॉ. मनोज कुमार, द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड भिण्ड आकाश शर्मा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड अनुभूति गुप्ता, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड भिण्ड अभिजीत सिंह, पंचम व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड भिण्ड सत्यम देवलिया, द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खण्ड भिण्ड विवेक माल, कलेक्टर भिण्ड संजीव श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक डॉ. असित यादव, बार एसोसिएशन अध्यक्ष विनीत मिश्रा सहित पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण एवं न्यायालयीन कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे।
नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु जिला मुख्यालय भिण्ड एवं न्यायिक तहसील मेहगांव, गोहद एवं लहार हेतु कुल 22 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया था, जिनमें सुलहकर्ता सदस्य के रूप मे नामित अधिवक्तागण द्वारा सहयोग प्रदान किया गया, जिसके फलस्वरूप जिला मुख्यालय भिण्ड एवं तहसील न्यायालय मेहगांव, गोहद एवं लहार में न्यायालयों में लंबित कुल 715 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें कुल 2045 पक्षकार लाभान्वित हुए तथा राशि 2 करोड़ 26 लाख 2 हजार 574 रुपए के अवार्ड पारित किए गए। उपरोक्त प्रकरणों के अतिरिक्त प्रीलिटिगेशन प्रकरणों, जिनमें जलकर, संपत्तिकर, विद्युत, बीएसएनएल, बैंक आदि के 1123 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें 1206 व्यक्तियों को लाभांवित किया गया तथा उपरोक्त प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में कुल एक करोड़ 50 लाख 61 हजार 979 समझौता राशि रही।
वर्ष 2025 की तृतीय नेशनल लोक अदालत में गठित खण्डपीठों द्वारा कई मामलों में पक्षकारों के मध्य आपसी कटुता को समाप्त करते हुए दोनों पक्षों को मिलाने का कार्य किया गया तथा सफल प्रकरणों में पक्षकारों को पौधे भेंट कर उन्हें जीवन में विवाद को समाप्त करने तथा शांतिपूर्वक सुखी एवं समृद्ध जीवन व्यतीत करने की सलाह भी दी गई।
लोक अदालत में वर्षों से बिछड़ा परिवार फिर से हुआ एक, चेहरे पर खिली खुशी

खण्डपीठ क्र.एक के पीठासीन अधिकारी, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय भिण्ड दिलीप गुप्ता के न्यायालय के प्रकरण क्र.12/2023 मुफो में आज नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते से राजीनामा द्वारा मामले का निराकरण किया गया। उपरोक्त मामले में आवेदिका का विवाह अनावेदक के साथ दिनांक वर्ष 2021 में हिन्दू विधि से संपन्न हुआ था। अनावेदक द्वारा दहेज की मांग को लेकर आपसी विवाद हो जाने के कारण आवेदिका अनावेदक से पृथक अपने मायके में निवास करने लगी थी। आवेदिका ने अनावेदक से भरण-पोषण राशि दिलाए जाने हेतु धारा 125 दंप्रसं का प्रकरण प्रस्तुत किया था। जिसमें आवेदिका को 2500 रुपए प्रतिमाह अनावदेक द्वारा प्रदाय किए जाने का आदेश न्यायालय द्वारा किया गया। प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय भिण्ड ने उभयपक्ष को लगातार मध्यस्थता के माध्यम से समझा-बुझा कर उन्हें एक साथ रहने के लिए एवं उनके उज्जवल भविष्य के लिए भी प्रेरित किया, जिस पर दोनों पक्ष उक्त स्थिति को समझते हुए राजीनामा करने के लिए तैयार हुए। नव दम्पति ने एक-दूसरे को माला पहनाई एवं व्यक्त किया कि वे आज से पुन: अपनी नई जिन्दगी की शुरुआत करेंगे एवं दोनों नेशनल लोक अदालत से खुशी-खुशी अपने घर गए। उभयपक्ष के मध्य राजीनामा हो जाने के आधार पर प्रकरण समाप्त किया गया।
इस प्रकार वर्षों से चले आ रहे घरेलू विवाद के प्रकरण का राजीनामा से अंत हुआ तथा त्वरित एवं सुलभ न्याय की संकल्पना को सभी के सामूहिक प्रयासों से मूर्त रूप दिया तथा दंपती को प्रकरण के निराकरण के फलस्वरूप भेंट के तौर पर फलदार वृक्ष प्रदत्त किया गया तथा उनके एवं उनके परिवार की खुशहाली की शुभकामनाएं देते हुए न्यायालय से खुशी-खुशी उन्हें विदा किया।