– सभी समितियां करें ग्राम विकास : चतुर्वेदी
– जिले के सभी विकासखण्ड में जन अभियान परिषद ने की माटी गणेश कार्यशाला
भिण्ड, 22 अगस्त। प्रकृति के संरक्षण में पर्यावरण की भूमिका महत्वपूर्ण है, पर्यावरण की दृष्टि से हम ऐसे कार्य करें जिससे पर्यावरण स्वस्थ रह सकेगा, इसलिए माटी गणेश की अवधारणा बनाई गई है। आप सभी लोग ग्रामों में इसका प्रचार प्रसार करें और अधिक से अधिक लोग माटी से बने गणेश जी का पूजन करें। जिससे पर्यावरण संरक्षित किया जा सके। यह बात जिला समन्वयक डॉ. शिवप्रताप सिंह भदौरिया ने रौन विकास खण्ड के एनआरएलएम सभागार में आयोजित प्रस्फुटन समितियों की माटी गणेश प्रशिक्षण कार्यशाला में कही। कार्यशाला में मेंटर निशा राजावत, हरीबाबू निराला, प्रमोद शर्मा, नवांकुर संस्था से रामवीर सिंह राजावत सहित नवगठित 25 प्रस्फुटन समितियां, प्रेरक, माटी गणेश का प्रशिक्षण देने वाली प्रांजुल दुबे तथा अन्य समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। संचालन एवं आभार रौन विकासखण्ड समन्वयक सुनील कुमार चतुर्वेदी ने किया।
जिला समन्वयक डॉ. शिवप्रताप सिंह भदौरिया ने कहा कि आने वाले दिनों में मुख्य रूप से पॉलिथीन का उपयोग एक बडी समस्या बनकर हमारे सामने आएगा यह प्रकृति के साथ-साथ अन्य जीवों को भी नुकसान पहुंचता है, हमें चाहिए कि सिंगल उसे प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करें, माटी गणेश को लेकर भी मंशा यही है कि आप अधिक से अधिक प्रकृति के करीब रहें, जिससे पर्यावरणीय संतुलन बना रहे। इस अभियान को महाअभियान बनाएं। आप सब जानते हैं कि जन अभियान परिषद हमेशा अभिनव पहल के लिए जाना जाता है वह निरंतर कुछ ना कुछ नवीन समाज को देता है।
विकास खण्ड समन्वयक सुनील कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि प्रकृति के संरक्षण में समाजसेवी संगठनों की भूमिका महत्वपूर्ण है। कोई भी अभियान तभी सफल होता है जब उसमें समाज की भागीदारी हो बिना समाज के भागीदारी की कोई भी अभियान सफल नहीं होता। अत: इस अभियान में प्रत्येक व्यक्ति को जोडना जन अभियान परिषद का पहला काम है। सभी समितियां ग्राम विकास में सहयोग करें। इस अभियान के तहत हम आस्थावान होते हुए पर्यावरण संरक्षण हेतु मिट्टी के गणेश का निर्माण कर लोगों को जागरूक करेंगे कि अधिक से अधिक अपने घरों में और आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में मिट्टी से गणेश निर्माण कर उनकी पूजा करें।
समाजसेवी हरीबाबू निराला ने कहा कि ग्राम विकास में समितियों की भूमिका अहम है। आज आप जब वापस जाएंगे तो एक लक्ष्य लेकर जाएंगे कि आपके ग्राम में प्रकृति संरक्षण के साथ नशामुक्ति की बात भी आप करेंगे। कार्यशाला में प्रस्फुटन समितियां के निर्माण संबंधी, नवांकुर सखियों को जो बीज रोपण हेतु दिए गए हैं, उनके लालन-पालन संबंधी, नशा मुक्ति संबंधी, पार्टी शिल्प से संबंधित, माटी से गणेश निर्माण संबंधी और मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी दी गई। नशामुक्ति की शपथ भी दिलाई गई। साथ ही जन अभियान परिषद की कार्य पद्धति, कार्यशैली के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। इस कार्यशाला में मिट्टी से गणेशजी की मूर्ति का निर्माण किया गया और लोगों को प्रशिक्षण भी दिया गया।