– जागरूकता के दौरान सभी दवाओं को डॉक्टर के पर्चे देखकर ही देने की दी सलाह
भिण्ड, 21 फरवरी। भईया खांसी की सीरप देना और जैसे ही मेडिकल संचालक बच्चे को खांसी की सीरप देने को हुए, तभी बाल सरंक्षण अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग अजय सक्सेना द्वारा मेडिकल संचालक को दवाई देने से रोकते हुए अवगत कराया गया कि बच्चों को डॉक्टर के लिखे पर्चे के बिना दवा नहीं देना चाहिए, किशोर न्याय बालकों की देखरेख और संरक्षण अधिनियम की धारा 77 के प्रावधानों के तहत बच्चों को स्वापक औषधि अथवा ऐसी दवाई जिसमें स्वापक अर्थात नशीले पदार्थों का उपयोग होता है, का बिना चिकित्सकीय परामर्श अथवा डॉक्टर के लिखित प्रिस्क्रिप्शन के बिना दवा नहीं दी जा सकती है और ऐसा करने पर आपको दण्ड अथवा जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है। कफ सीरप में ऐल्कोहॉल होता है। यह बात बाल संरक्षण अधिकारी अजय सक्सेना ने विकास खण्ड गोहद में जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ विमेन के तहत प्रचार प्रसार हेतु चलाए जा रहे जागरुकता वाहन के गोहद भ्रमण के दौरान विभिन्न मेडिकल संचालकों से कही। इसी प्रकार अन्य सभी दवाइयां जिन पर लाल पट्टी से चेतावनी दर्ज होती है उन सभी दवाओं को डॉक्टर के पर्चे देखकर ही देना चाहिए, साथ ही यह भी देखना चाहिए कि पर्चा 3 माह से अधिक पुराना न हो।
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के मार्गदर्शन एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय कुमार जैन के निर्देशन में जिला भिण्ड अंतर्गत शासन निर्देशानुसार जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वूमेन के तहत जागरुकता रथ निरंतर भ्रमण कर रहा है। भ्रमण के दौरान जागरूकता रथ महिलाओं, बालिकाओं और बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरुक करते हुए विकास खण्ड गोहद में पहुंचा जहां पर एण्डोरी, गोहद शहरी, गोहद ग्रामीण मालनपुर और विभिन्न ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में भ्रमण द्वारा लोगों को जागरुक किया जा रहा है और महिलाओं से संबंधित विभिन्न कानून और योजनाओं के बारे में साउण्ड के माध्यम से जागरुक किया जा रहा है साथ ही उनसे संबंधित विभिन्न योजनाओं पर यथा साइबर क्राइम से बचाव के कैलेंडर, बाल भिक्षावृत्ति अपराध पोस्टर, बालकों को डॉक्टर ही परामर्श के बिना दवा ना देना पोस्टर, पॉक्सो ई बॉक्स पर बचाव के तरीके और महिलाओं को शी बॉक्स पर शिकायत करने के तरीके संबंधी विभिन्न प्रचार प्रसार सामग्री स्थल पर ही प्रदान कर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है उक्त जागरुकता रथ संपूर्ण जिले में निरंतर भ्रमण कर रहा है। जागरुकता रथ के माध्यम से आंगनबाडी केन्द्रों में, विभिन्न स्कूलों, महाविद्यालय, शासकीय दफ्तरों एवं सार्वजनिक स्थलों पर प्रचार प्रसार कराया जा रहा है।